दुधारु होने तक घर में चारा : उसके बाद सडको की शोभा बढाते है अवारा मवेशी

अम्बिकापुर 

  • आवार मवेशियो का शहर में अतिक्रमण
  • मवेशी मालिक जुर्मान देकर शहर में छोड रहे है मवेशी
  • मवेशी के दुधारु होने तक रखते है घरो में 

विकासशील शहर के साथ अम्बिकापुर में अवारा मवेशी इंसानी जान के दुश्मन बनते जा रहे है… इसलिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के निर्देश के बाद निगम प्रबंधन ने पिछले दो महीने से मवेशी पकडो अभियान के तहत सैकडो मवेशी पकडे ,,, लेकिन मवेशी मालिक जुर्माना देकर मवेशी को छुडा कर,, फिर से सडको में छोडने से बाज नही आ रहे है ।

अम्बिकापुर में शहर में वाहनो की संख्या के बराबर की संख्या में पंहुच चुके आवारा मवेशियो ने ना केवल मुख्य मार्ग में अतिक्रमण कर रखा था.. बल्कि ये मवेशी कई बार गंभीर हादसो का कारण भी बन जाते थे,,, लिहाजा निगम ने पिछले दो महीने से आवारा मवेशियो को पकडने का काम शुरु किया ..लेकिन शहर के दर्रीपारा इलाके के एक मात्र कांजी हाउस की क्षमता कम होने की वजह से और मवेशी मालिको द्वारा unnamed (25)जुर्माना पटा देने की वजह से मवेशियो को छोडना पडा… लेकिन अपने मवेशी को सडक में अवारा छोड देने वाले मवेशी मालिक उलटा निगम पर आरोप लगा रहे है..

गौरतलब है कि निगम ने मई माह के अंत से अब तक 867 ऐसे मवेशियो को पकड कर कांजी में हाउस में रखा है , जो शहर की सडको में हादसो को निमंत्रण देते थे,, इन मवेशियो से निगम को तकरीबन 2 लाख रुपए की आय भी हो चुकी है… दरअसल नियम के मुताबिक 1 सप्ताह तक मवेशियो को जुर्माना देकर नही छुडवाने वाले मवेशियो को निगम निलाम कर देता है.. जिससे भी निगम को तकरबीन 50 हजार रुपए की आय प्राप्त हो चुकी है..

निगम की इस कार्यवाही के बाद भी अभी भी कांजी हाउस में 85 से अधिक मवेशी पकड कर रखे गए है… मतलब अब तक पकडे गए 867 मवेशी में 23 मवेशियो की निलामी कर दी गई है,, और 85 अभी भी कांजी हाउस है,, मतलब निगम ने अब तक जिन 759 मवेशियो को जुर्माने पर छोडा है… उनमे से आधे से अधिक मवेशी फिर से आवारा सडको में घूमते नजर आ रहे है,,,, कहने का मतलब शहर के धुर्त हो चुके मवेशी मालिक मवेशियो को घर में खिलाने की जगह फिर से मवेशियो को हादसो के लिए सडको में छोड रहे है….