थानेदार अब्दुल मुनाफ पर गंभीर आरोप… प्रताड़ित परिवार मांग रहा न्याय…

अम्बिकापुर जिले के दरिमा थाना प्रभारी पर रिश्वत माँगने और ना देनें पर खाखी के रौब से प्रताड़ित करने का आरोप एक परिवार ने लगाया है.. दरिमा थाना क्षेत्र में रहने वाला एक परिवार पुलिस की प्रताड़ना से तंग आ गया तो मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से लेकर जनदर्शन तक में की गई लेकिन इन सब के बाद शिकायत से खिसियाये थाना प्रभारी का आतंक और बढ़ गया.. जब किसी ने इनकी गुहार नहीं सुनी तो परिवार की एक महिला शकुंतला पाण्डेय अपनी बूढ़ी सास, पति और बेटी के साथ मीडिया का दफ्तर खोजते हुए पहुची और पूरी कहानी बताई.

दरिमा थाना प्रभारी पर आरोप है की पाण्डेय परिवार के आपसी झगडे में कार्यवाही करते हुए उन्होंने पैसो की मांग की और कहा की पैसे देने पर तुम्हारा पक्ष मजबूत कर दूंगा लेकिन गरीब परिवार थानेदार को पैसे नहीं दे पाया.. आरोप यह भी है की दूसरे पक्ष से पैसे मिल जाने की वजह से थानेदार इस परिवार को सता रहा है.. झूठे मामलो से लेकर कई तरह की बातो का जिक्र किया जा रहा है.. थानेदार का इतना खौफ है की परिवार के मुखिया का कहना है की उनके सामने अब कोई रास्ता नहीं बचा है,, क्योकी शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ लिहाजा अब हो आत्म ह्त्या करने जैसी बात कहते नजर आ रहे है..

थानेदार पर आरोप यह भी है की परिवार के झगडे को थानेदार के द्वारा और बढ़ाया जा रहा है.. द्वेष वश वो अब भाई भाई को लड़ा कर ही इस परिवार से अपना बदला ले रहा है.. शकुंतला पाण्डेय के परिवार का परिवार के जिन लोगो से झगड़ा चलता है उन लोगो ने हालही में घर में आकर मारपीट की वारदात को अंजाम दिया था लेकिन थाने में शिकायत करने पर सही कार्यवाही नहीं की जा रही है.. एम् एल सी रिपोर्ट को भी थानेदार द्वारा प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है..

इधर मामले में थानेदार अब्दुल मुनाफ की अपनी ही कहानी है वो खुद को गुनाह साबित करते हुए बताते है की अंबिकापुर के कोतवाली थाने में रहते हुए उन्होंने एक वकील को गिरफ्तार किया था और पूरा इन्ल्जाम वकील पर मढ़ते हुए कहते है की उनके खिलाफ यह साजिश वही वकील करवा रहा है..

बहरहाल पीड़ित परिवार ने थानेदार की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की थी जिसके बाद मामले की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कर रहे है.. इधर न्याय ना मिलाने के कारण कलेक्टर जनदर्शन में भी शिकायत की गई है और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पीड़ित पक्ष ने अपना पक्ष रख दिया है लेकिन मामले में न्याय मिलने की जगह पीड़ित परिवार को डर के साये में जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है..