जरा देखिए CM साहब..नरवा घुरवा गरवा.. से पहले ही आईडल बन गई यह महिला!..यह सयंत्र लगा महिलाओं ने किया नया कीर्तिमान स्थापित..

सूरजपुर ( आयुष जायसवाल ) अगर मेहनत करने की सच्ची लगन हो तो कोई काम मुश्किल नही है यह बात सिद्ध किया है सूरजपुर जिले की ग्रामीण महिलाओं ने जो बायो गैस सयंत्र का निर्माण कर पूरे प्रदेश में आइडल बन रही है..और सूरजपुर जिला आज बायो गैस सयंत्र निर्माण करने पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है ….जिले में क्रेडा विभाग सहायक अभियंता निलेश श्रीवास्तव से प्राप्त जानकारी अनुसार सूरजपुर जिले अंर्तगत क्रेडा विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में ग्राम कसकेला, सोनगरा और रविन्द्रनगर तीनो ग्रामो में जिला खनिज न्यास निधि मद से कुल 252 नग घरेलु बायोगैस सयंत्र की स्थापना की गई है…और तीनों ग्रामो के सारे सयंत्र सुचारु रुप से कार्यशील है, वही तात्कालिक वर्ष 2018-19 पूरे जिले में कुल 180 घरेलु बायोगैस सयंत्र स्थापित हो चुके है…जिनमें से अधिकांश सयंत्र को कार्यशील किया जा चुका है। जिससे एक परिवार को भोजन पकाने हेतु पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ ईंधन (गैस) प्राप्त होता है साथ ही उच्च गुणवत्ता का जैविक खाद् भी मिल रहा है….बायोगैस संयंत्र निर्माण से ग्रामवासियों विशेषकर महिलाओं के जीवन स्तर मे बहुत अधिक सुधार हुआ है….बायोगैस संयंत्र निर्माण से पहले महिलाओं का अधिकांश समय जंगल से लकड़ी लाने तथा खाना बनाने मे ही व्यतीत हो जाता था साथ ही धुंओं से आंख की बीमारियां होती है, इससे निजात मिला है। एवं कृषकों को उर्वरक खाद पर निर्भरता रहती थी। आज की स्थिति मे महिलाएं धुआं रहित इंधन होने से बहुत कम समय मे खाना बना लेती हैं तथा बर्तन भी काले नही पड़ते है। इससे गृहणियां अपने बच्चों को शिक्षा देने तथा उनके बेहतर भविष्य के लिए समय दे पा रही हैं। कृषक बायोगैस से प्राप्त खाद का उपयोग खेतों मे कर रहे है जिससे फसल उपज निरंतर वृद्वि हो रही है। साथ ही मृदा की उर्वरा क्षमता मे भी वृद्वि हो रही है। बायोगैस संयंत्र निर्माण हो जाने से इंधन के रूप मे उपयोग होने वाले लकड़ी की बचत के साथ-साथ वनों का भी संरक्षण हो रहा है। इस प्रकार बायोगैस संयंत्र निर्माण से ग्रामवासियों के जीवन स्तर मे सुधार के साथ-साथ आर्थिक प्रगति एवं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है….
बायो गैस सयंत्र निर्माण में प्रथम रह चुका है जिला सूरजपुर –
विदित हो कि नई सरकार बनने पश्चात ’’नरवा गरुवा घुरवा एवं बाडी’’ योजना अंर्तगत जिले के विभिन्न चयनित ग्रामों में घरेलु बायोगैस सयंत्र स्थापना हेतु सर्वे किया जा रहा है….साथ ही वर्ष 2017-18 में क्रेडा जिला कार्यालय सूरजपुर घरेलु बायोगैस सयंत्र की स्थापना में पुरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है…. 02 घन मीटर क्षमता के बायोगैस सयंत्र निर्माण में लगभग 30000 (तीस हजार रुपये मात्र) लागत आती है…..साथ ही जिले के युवा कलेक्टर दीपक सोनी ने बायो गैस सयंत्र को पूरे जिले में बेहतर ढंग से स्थापित करने की विशेष पहल की बात कही है…ताकि ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाएं इस योजना से आत्मनिर्भर हो सके…