गुरूजी ने बतौर सजा नहीं उतरवाए बच्चो के बाल.. निभाई है जिम्मेदारी.. परिजनों को नहीं कोई शिकायत..

EDITED BY DESH DEEPAK

अंबिकापुर बिट्टू सिंह राजपूत- सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड के अनरोखा मिडिल स्कूल के शिक्षको पर कथित तौर पर लगे प्रताड़ना के आरोप में फटाफट न्यूज ने मामले की पड़ताल की और पड़ताल में जो तथ्य सामने आये वो बिलकुल उलट हैं.. दरअसल इस मामले में ख़बरें आ रही थी शिक्षको ने स्कूल के भृत्य से जबरन छात्रो के बाल उतरवाए है.. जबकी जब हम मामले की पूरी सच्चाई जानने के लिए छात्रो के अभिवावकों से मिले तो तस्वीर कुछ और ही सामने आई..  इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो के परिजनों का कहना है की गुरु जी ने बाल कटवाकर बहोत अच्छा काम किया है.. क्योकी बच्चो के बाल काफी बड़े हो चुके थे और बार बार कहने और पैसे देखकर नाइ के पास भेजने पर भी वो अपने बाल नहीं कटवा रहे थे.. लिहाजा गुरु जी ने गाँव के नाइ से बाल कटवाए है जो की अपने कार्य में पारंगत है..

लेकिन बातें कुछ इस तरह से परोसी गई है की स्कूल के शिक्षक ने बतौर दंड स्कूल के भृत्य से ही बाल कटवा दिए जबकी स्कूल का वही भृत्य गाँव का नाइ है जो लोगो के बाल भी काट सकता है.. वही इस मामले में ना तो बच्चों को गुरु जी से कोई शिकायत है और ना ही उनके परिजनों को.. हमने कई बच्चो और उनके परिजनों से बात की लेकिन किसी को भी बाल कटवाने से कोई दिक्कत या शिकायत नहीं है..

वही इस मामले के स्कूल के शिक्षको ने बताया की बच्चों को कई बार बाल कटवाकर आने को कहा गया लेकिन यह गाँव है सप्ताह में एक ही दिन बाजार लगता है.. इसलिए बच्चे हर बार यह बहाना करते थे की बजार के दिन कटवा लेंगे.. लिहाजा एक गुरु की जिम्मेदारी को समझते हुए गुरु जी ने बच्चों को कहा की जाओ बाल कटवाकर आओ और गांव के नाइ कमलेश्वर ठाकुर के पास जाकर सभी बच्चो ने बाल कटवाए.. शिक्षक ने यह भी बताया की बच्चे काफी शरारती हैं परिजनों की भी शिकायत आ रही थी और स्कूल की दीवारों को भी उन्होंने गंदा किया था जिसे लिए बच्चो को फटकार लगाई गई.. और बल बढे होने पर उनके बाल नाइ से कटवाए गए.. स्कूल में सब कुछ सामान्य चल रहा था लेकिन स्कूल की छुट्टी के बाद ना जाने क्या हुआ की टीचर के पास कुछ लोगो के फोन आने लगे और मामले में शिकायत और कम्प्रोमाइज की बात कहने लगे जाहिर है की शिक्षक ने कोई गुनाह तो किया नहीं था अलबत्ता वो किसी समझौते के लिए नहीं पहुचे नतीजन मामले में शिकायत और एक नए ढंग से इसे परोसा गया.. लेकिन हमारी पड़ताल में जो बातें सामने आई उसमे शिक्षक दोषी नहीं पाए गए बल्की एक गुरु की जिम्मेदारी का निर्वहन करते पाए गए.. अब देखना यह है की शिकायत पर हो रही जाँच का रुख क्या होगा.. इस सम्बन्ध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है की हम जांच कर रहे है जांच के बाद ही कोई बयान दे सकेंगे..