कौन होगा अम्बिकापुर नगर निगम का सभापति ?

अम्बिकापुर

नगरीय निकाय चुनाव में महापौर समेत 27 पार्षद के साथ पूर्ण बहुमत पाने वाली कांग्रेस में सभापति के नाम पर राजनैतिक गलियारो में चर्चा तेज हो गई है। जिला कांग्रेस के दिग्गज नेताओ को पार्षद चुनाव मे मिली जीत के बाद नगर निगम  सभापति के नाम को लेकर अटकलो का बाजार गर्म हो गया है। 10 वर्षो बाद शहरी सत्ता पाने के बाद कांग्रेस के नेता बाहर से तो गंभीर नजर आ रहे है। लेकिन सभापति को लेकर पार्षद चुनाव जीते सभी दिग्गजो के मन मे लड्डू फूटने लगा है। गौरतलब है कि सभापति के लिए संभावित सभी नाम विस नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह के करीबी है। जिससे सभापति के लिए किसी एक नाम पर सहमति बनाना नामुमकिन तो नही लेकिन मुश्किल है।

अम्बिकापुर नगर निगम के नवनिर्वाचित महापौर डाँ अजय तिर्की और 48 वार्डो के पार्षद का 14 जनवरी 2015 को शपथ ग्रहण समारोह संभावित है। जिसके बाद सभापति के नाम का एलान किया जा सकता है। इधर अगर सभापति के लिए संभावित नामो की बात करे तो …… लम्बे समय से राजनीति में सक्रिय एवं पैलेस खेमे के माने जाने वाले कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय अग्रवाल सभापति के दौड मे है और उन्हे राजनीति का खासा अनुभव प्राप्त है। सभापति बनने से नगर निगम अम्बिकापुर की गरिमा बढेगी वही शहर के विकास को लेकर सामान्य सभा में सार्थक बहस हो सकेगे। कांग्रेस के वरिस्ठ जुझारू एवं छात्र नेता आलोक दुबे नगर निगम की कार्य प्रणाली के मास्टर माने जाते है। पार्षद का अच्छा खासा अनुभव रहा है। अधिकारी-कर्मचारियों से शहर के विकास को लेकर कार्य कराने की बेहतर समझ है कांग्रेस पार्टी ने सभापति का दायित्व देती है तो वे भी बेहतर परिणाम ला सकते है। उसके अलावा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष एवं सर्वाधिक मतो से विजयी शफी अहमद चार बार से पार्षद पद के दायित्वो का निर्वहन कर चुके है। पार्टी उन्हे नगर निगम के सर्वमान्य नेता के रूप में स्वीकार कर चुकी है वे बेहतर सभापति के रूप में सबित हो सकते है।

वीर सावरकर वार्ड के विजयी पार्षद एवं कांग्रेस प्रवक्ता द्वितेन्द्र मिश्रा युवाओं मे लोकप्रिय सरल, सहज एवं पैलेस के ईमान्दार सिपाही माने जाते है। सत्ता विपक्ष में बेहतर तालमेल रखने में वें कामयाब हो सकते हैं। चुनाव लड़ने का पहला अनुभव रहा है परन्तु राजनीति में वे लम्बे समय से सक्रिय रहे है ऐसे दशा में पार्टी उन पर भरोसा कर सकती है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस के ईमानदार, कर्मठ सरल, मृदभाषी जनप्रिय नेता एवं छात्र संघ अध्यक्ष रहे हेमन्त सिंन्हा के सभापति बनाने पर कांग्रेस पार्टी विचार कर सकती है। कायस्थ समाज के प्रतिनिधि को मौका मिलने से समाज की क्रिया शीलता बढ़ेगी वही पार्टी को आने वाले दिनो में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। बहरहाल सभापति के चुनाव के बागडौर सीधे तौर पर सरगुजा कांग्रेस के कर्ताधर्ता नेता प्रतिपक्ष श्री टी0एस0सिंह देव के साथ मे है । हांलाकि एक साथ कई बडे नेताओ को पार्षद का टिकट मिलना और लगभग सभी के जीतने के कारण सभापति के चयन की माथापच्ची तो कांग्रेस को करना ही पडेगा। क्योकि अगर मनमुटाव हुआ तो 10 साल मे मिली जीत का मजा किरकिरा हो सकता है।