ई-फार्मसी ने बढ़ाई दवा विक्रेताओं की चिंता

कोरिया

(चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट)
बीते एक दशक से परिवर्तन से बड़े दौर से गुजर रहे दवा उद्योग को नया झटका लग सकता है। केन्द्र सरकार द्वारा दवा बेचने के लिए ई फार्मसी की अवधारणा ने दवा विक्रेताओं की नींद उड़ा दी है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो 14 अक्टूबर को देशबंद का अह्वाान किया जाएगा, जिसमें चिरमिरी के दवा विक्रेता भी शामिल होंगे।

जिले में करीब 150 दुकानें
जिले में दवा की करीब 150 दुकानें संचालित है। इस कारोबार में बड़ी संख्या में कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। दवा विक्रेताओं की चिंता है कि ई-फार्मसी के अमली जामा पहनने के बाद उनके रहे सहे ग्राहक भी आने बंद हो जाएंगे, उनके सड़क पर आने की नौबत आ जाएगी।

ऑनलाइन मिल सकेगी दवाe-pharmacy
दवा कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार ई फार्मसी की व्यवस्था से रोगी अपनी दवा ऑनलाइन मंगा सकेगा। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा तो बढ़ेगी साथ ही, रोगी को सस्ती दवा भी मिल सकेगी। इससे दवा उद्योग ने व्यापक बदलाव आएगा।

नर्सिग होम में चल रहीं दुकानें
जानकारों के अनुसार करीब सत्तर प्रतिशत दवा कारोबार नर्सिग होम में डायवर्ट हो चुका है।डॉक्टरों स्वयं नर्सिग होम्स में दवाइयों की दुकानें संचालित कर रहे हैं। इससे खुले बाजार में दवा ब्रिकी का कारोबार प्रभावित हुआ है। निःशुल्क दवा योजना भी दवा कारोबारियों के लिए घाटे का सौदा साबित हुई है। ऐस में ई फार्मसी ने उनकी पेशानी पर बल डाल दिए हैं।

रामबाबु अग्रवाल , अध्यक्ष,कैमिस्ट एसोसिएशन चिरमिरी  
इस प्रावधान से होलसेल एवं खेरीज दवा विक्रेताओं का व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा।उन्हें अपनी आजीविका का निर्वाह कर पाना भी दूभर हो जाएगा। सरकार को इसके दुष्प्रभाव से अवगत कराया जाएगा।