इंजेक्शन लगाते ही दुनिया से रुकसत हो गई मासूम : सदमे मे परिजन

अम्बिकापुर Untitled_0007 (8)

अम्बिकापुर के जिला अस्पताल मे इंजेक्शन लगाते ही एक मासूम बच्ची की मौत हो गई। मासूम की मौत के बाद परिजनो ने गलत इंजेक्सन लगाने का आरोप लगाया है। तो डाक्टर इसे एक इत्फाक बता रहे है। लेकिन अब मृत बच्ची के परिजन मामले की सही जांच ने होने पर आत्महत्या की चेतावनी दे रहे है। तो पुलिस ने शिकायत मिलने पर कारवाही करने की बात कही है।

Untitled_0007 (6)अम्बिकापुर जिला अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा कक्ष मे रोती बिलखती महिला अपनी 2 वर्षीय बच्ची की मौत के बाद सदमे मे है। और मृतका का पिता अपनी बच्ची की मौत के बाद न्याय की गुहार लगा रहा है। दरअसल सत्तीपारा मे रहने वाले यादव परिवार के लोगो ने कल शाम अपनी दो साल की बच्ची कृष्णा यादव को डाक्टर की सलाह मे अस्पताल मे भर्ती कराया था। जिसके बाद आज शाम जैसे ही ड्यूटी मे तैनात नर्स ने उसे इंजेक्शन लगाया उसकी मौत हो गई। मृत लडकी के पिता विक्रम यादव ने आरोप लगाया है कि उसकी बच्ची की मौत गलत इंजेक्शन लगाने से हुई है। और मामले मे अगर सही पोस्टमार्डम और जांच नही हुई , तो वह आत्महत्या कर लेगा। जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी।

दो वर्ष की मासूम कृष्णा की मौत के बाद जिला अस्पताल के पूरे शिशु वार्ड मे मातम पसर गया है। क्योकि बिमारी से मौत तो लोग रोजाना देखते थे, लेकिन हंसती खेलती कृष्णा की देखकर अन्य बच्चो के परिजन भी इसे इंजेक्सन लगाने वाली नर्स की लापरवाही मान रहे है। अस्पताल मे अपने बच्चे का इलाज करा रहे ऐसे ही एक परिजन मिथलेश की माने तो बच्ची इंजेक्शन लगने के पहले तक हंस रही थी। Untitled_0007 (28)

चिकित्सकीय लापरवाही के तमाम आरोपो के बाद भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से डाँ अजय तिर्की ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल शाम से अस्पताल मे भर्ती हुई कृष्णा की मौत मलेरिया का तीसरा इंजेक्शन लगाते समय हुई है। जो एक इत्फाक है।

Untitled_0007 (26)हांलाकि मासूम कृष्णा की मौत की खबर मिलते ही धीरे धीरे उसके रिश्तेदार भी अस्पताल मे जुटने लगे। और फिर स्वाभाविक आक्रोश के कारण परिजनो ने अस्पताल मे थोडा हंगामा मचाया। लेकिन तब तक कोतवाली पुलिस के साथ ही खुद नगर पुलिस अधीक्षक मौके पर पंहुच गए। पुलिस पुलिस अधीक्षक पंकज शुक्ला के मुताबिक अगर मामले की शिकायत होती है तो जांच कर दोषियो के खिलाफ कारवाही की जाएगी।

जिला अस्पताल मे इलाज के दौरान और भी मौत होती है, लेकिन हर किसी मौत के बाद परिजन ना ही डाक्टरो पर लापरवाही का आरोप लगाते है और ना ही हंगामा मचाते है। लेकिन अगर हंगामा बरपा है। तो मामला चिकित्सकीय लापरवाही हो सकता है। बहरहाल कल पोस्टमार्डम के बाद ये साफ हो जाएगा कि आखिर मासूम कृष्णा की मौत का जिम्मेदार कौन है।