अव्यवस्था के बीच स्वयं सहा.समूहों के महिलाओं का प्रशिक्षण सम्पन्न

सुपोषित, शिक्षित एवं समृद्ध सरगुजा योजनांतर्गत हुआ दो दिवसीय प्रशिक्षण षिविर का आयोजन

अम्बिकापुर(उदयपुर)

स्थानीय जनपद परिसर के प्रशिक्षण भवन में जनपद के 120 महिला स्व. सहा. समूह की महिलाओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण 18 एवं 19 मार्च को आयोजित किया गया । जिसमे ब्लाॅक के विभिन्न समूहों के लगभग 200 महिलाआंे ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में महिला समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु विभिन्न गतिविधियों को विस्तार से बताया गया। विशेषकर विभिन्न प्रकार के वनोपज महुआ, तेन्दूपŸाा, साल बीज, चिरौंजी के क्रय विक्रय, भण्डारण,एवं पूंजी आदि विषयों पर समूह की महिलाओं को आगे आने हेतु प्रेरित किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन जनपद अध्यक्ष राजनाथ सिंह, उपाध्यक्ष राजीव सिंह, ओमप्रकाश सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेमवती धुर्वे, चैपाल के संयोजक एवं मास्टर ट्रेनर गंगा राम पैकरा ने उपस्थित महिलाओं को समुह गठन के बाद सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने व आगे बढ़ने के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे बताया। प्रशिक्षण के दौरान वन विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया एवं समुहों के माध्यम से किये जाने वाले कार्याें के बारे बताया व उनसे जुड़कर आर्थिक लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। दूसरे दिन मास्टर ट्रेनर नरेन्द्र दास ने पिछले दिन के सत्र से शुरूआत किया । महिला समुह की जरूरत एवं सशिक्तकरण के बारे विस्तार से बताया । वनोपजों के संग्रहणunnamed (66) क्रय विक्रय के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया । क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध वनोपज महुआ, तेन्दूपŸाा, साल बीज, चिरौंजी को आय का साधन बनाने की बात बतायी। दूसरे दिन समुह की महिलाओं ने एक स्वर वर्तमान में उपलब्ध महुआ की खरीदी एवं उसके विक्रय से शुरूआत करने की बात कही।
प्रशिक्षण के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली प्रशिक्षण भवन में महिलाओं के बैठने के लिए ना तो कुर्सी थी ना दर्री और ना ही माईक साउंड सिस्टम आदि की कोई व्यवस्था थी । दूसरे दिन लगभग 200 महिलाओं के लिए मात्र एक दर्री की व्यवस्था की गई थी। प्रशिक्षण स्थल पर पीने के पानी तक की व्यवस्था नही की गई थी। अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि तो कुसिर्याें पर बैठे परंतु प्रषिक्षणार्थियों के लिए कोई व्यवस्था नही थी। फिर भी समुह की महिलाओं ने बगैर किसी षिकायत एवं टीका टिप्पणी के दो दिनों तक अभावों के बीच ही प्रषिक्षण में बताये गये चीजों को सुना और उसे ग्रहण किया।