अपने जज्बे को अंजाम देने नदी पार कर गाँव पहुची सरगुजा कलेक्टर की पत्नी मोनिका सिंह

नदी पार कर दुर्गम डगर से कदनई गाँव पहुची मोनिका सिंह

घर-घर जलाई शौचालय निर्माण की अलख

अम्बिकापुर

सरगुजा कलेक्टर भीम सिंह की पत्नी मोनिका सिंह पूर्व में भी ओडीऍफ़ के प्रति उनकी गंभीरता को लेकर चर्चे में रही है जिसके बाद गुरुवार को सरगुजा कलेक्टर की धर्म पत्नी एवं नेशनल रूरल लाइवलीवुड मिशन की डायरेक्टर व पंचायत एवं विकास विभाग की अपर आयुक्त मोनिका सिंह मैनपाट के दुर्गम ग्रामो में पहुची और घर घर जा कर लोगो मे शौचालय निर्माण की अलख जगाई। लेकिन सरगुजा को ओडीऍफ़ बनाने की की राह पर चल पडी मोनिका सिंह की डगर इतनी भी आसान नहीं है इनके रास्ते में बड़ी चुनौतिया है सरगुजा का घनघोर हाथी प्रभावित जंगल और पहुच विहीन गाँव जहाँ पहुचने के लिए रास्ते भी नहीं है। लेकिन इनके सर पर शौचालय निर्माण का एसा जूनून सवार है ली हर मुश्किल इनके लिए आसान हो जाती है लिहाजा मैनपाट के कदनई गाँव तक जाने के लिये श्रीमती सिंह ने नदी पार की पत्थरो पैर रख कर बड़ी मुश्किल से नदी को पार कर पूरी टीम गाँव कदनई पहची और गाँव के हर घर में जा जा कर लोगो को शौचालय बनवाने के लिए ना सिर्फ जागरूक किया बल्कि हर इंसान को शौचालय से होने वाले फायदे के बारे में बताया।

वर्डन में नहीं बल्की सहभागिता से बने शौलालय 

स्वछता अभियान के तहत गाँव गाँव घूम कर लोगो को शौचालय बनवाने के लिए जागरुक करने निकली मोनिका सिंह ने इस दौरान बताया की उनके द्वारा लोगो को शौचालय निर्माण के लिए सिर्फ जागरूकता अभियान ही नहीं चलाया जा रहा है बल्कि वो चाहती है की लोग शौचालय निर्माण मर खुद सह्भागी बने, पंचायत के द्वारा जबरन शौचायल बनवा दिया जाये और लोगो उसका उपयोग ना करे तो उस शौचालय का कोई अर्थ नहीं होगा। श्रीमती सिंह ने कहा की हमारी पूर्वज शौचालय का महत्व नहीं जानते थे लेकिन धीरे धीरे जागरूकता आई आज हम शौचालय का उपयोग कर रहे है ऐसे ही जो लोग आज भी जानकारी के आभाव में शौचालय का महत्व नहीं समझ पाए है उनको शौचालय की उपयोगिता समझाना और उनकी सहभागिता के साथ सरगुजा को खुले शौच मुक्त करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान श्रीमती सिंह ने एक बार फिर कहा की हम खुले में शौच नहीं करते इस लिए खुद को जानवरों से अलग किये बैठे है वरना उनमे और हममें क्या फर्क।