जाकिर नाइक का ट्रस्ट अब सीधे चंदा नहीं ले सकेगा..लेनी होगी होम मिनिस्ट्री से इजाजत

नई दिल्ली
विवादित इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाइक का एनजीओ पर सीधे विदेशी चंदा नहीं ले सकेगा। होम मिनिस्ट्री के नोटिफिकेशन में इसे प्रॉयर परमिशन लिस्ट में डाल दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि एनजीओ और इसके पीस टीवी को मिलने वाले किसी भी डोनेशन के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होगी।
इंटेलिजेंस एजेंसीज की रिपोर्ट के बाद फैसला
कैसे विवादों में आया जाकिर का एनजीओ
इस साल 1 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 2 पुलिस ऑफिसर और 5 हमलावरों समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी।
जांच में यह भी बात सामने आई थी कि हमलावरों ने घटना के वक्त जाकिर नाइक की स्पीच का हवाला दिया था।
इसके बाद ही नाइक और उसके एनजीओ विवादों में आ गए थे।
एनजीओ पर क्या हैं आरोप.?
आईआरएफ पर आरोप हैं उसे विदेशों से मिले चंदे का पॉलिटिकल यूज, धर्मांतरण के लिए इन्सपायर करने और टेरेरिज्म फैलाने के लिए यूज किया गया।
मुंबई के चार स्टूडेंट्स जब आईएस में शामिल होने गए थे तब भी यह बात सामने आई थी कि वे जाकिर नाइक को फॉलो करते थे।
आरोपों में घिरने के बाद होम मिनिस्ट्री ने आईआरएफ को मिलने वाले चंदे के सोर्स का पता लगाने का ऑर्डर दिया था।
केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने जाकिर नाइक की स्पीच की सीडी की जांच के ऑर्डर दिए थे।
कौन है जाकिर नाइक.?
जाकिर का जन्म मुंबई में 18 अक्टूबर 1965 को हुआ था।
उसने एमबीबीएस किया है। नाइक एक मुस्लिम धर्मगुरु, राइटर और स्पीकर है।
इसके अलावा वो इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन या आईआरएस का फाउंडर और प्रेसिडेंट है।
यह फाउंडेशन पीस टीवी चैनल भी चलाता है। दावा है कि इसे दुनियाभर में करीब 100 करोड़ लोग देखते हैं।
फेसबुक पर नाइक के 1 करोड़ 14 लाख फॉलोअर हैं। नाइक पर यूके, कनाडा, मलेशिया समेत 5 देशों में बैन है।