जांजगीर चांपा (संजय यादव) जिला मुख्यालय की आबादी और बसाहट के हिसाब से नगर पालिका के पास आगजनी रोकने के माकुल इंतजाम नही है। शहर की 1 लाख से अधिक आबादी की सुरक्षा के लिए पालिका अमले के पास महज दो चार कर्मचारी है वो भी पूरी तरह प्रशिक्षित नही है। इसके अलावा कुछ ठेके पर तो कुछ बेरोजगारों को मजदूरी पर पालिका ने रखा है। इस तरह शहर की सुरक्षा अनाड़ियों के हाथ है। पलिका शहरवासीयों की सुरक्षा केा लेकर कितना गंभीर है इस बात का पता इसी से चलता है कि नगर पालिका के अग्निशमन विभाग द्वारा वर्षो से इन पदो पर नियुक्ति ही नही हुई है।
जिला मुख्यालय में सरकारी विभागों के अलावा अन्य संस्थाएं भी है। आबादी का बोझ तो है हीं वही गर्मी के सीजन में अक्सर शहर में आग से हादसे होते रहते है, लेकिन जिला मुख्यालय में आग से निपटने के लिए पालिका के पास सिर्फ एक ही अग्निशमन वाहन है। जो एन वक्त पर कभी कर्मचारी तो कभी पानी की व्यवस्था नही होती । इस तरह देखा जाय तो नगर पालिका के पास आगजनी से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन नही है।