जशपुरनगर। विश्व महिला दिवस पर जशपुर के पुलिस लाइन में महिलाओं के लिए दो दिवसीय आत्मरक्षा शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित शिविर में 8 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए कराते, जूडो की बेसिक तकनीक व पिन, दुपट्टा, चूड़ी, घड़ी, पैन, क्लिप आदि जैसे सामान से खुद के बचाव में हथियार के रूप में उपयोग करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ियों एवं पुलिस प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
इस मौके पर पहली बार जिला अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण हुआ…
रक्षित निरीक्षक विमलेश कुमार देवांगन ने बताया की अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक शंकर लाल बघेल के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उनैैजा खातून के मार्गदर्शन में जहां एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके सशक्तिकरण का संकल्प लेंगे, वहीं उनके स्वास्थ्य के लिए भी सजग रहेंगे। उन्होंने बताया की महिलाओं से जुड़े विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए आठ मार्च को जिला अस्पताल में सुबह 10 से दोपहर 03 बजे तक महिला पुलिस अधिकारी एव कर्मचारियों तथा उनके महिला परिजन के स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
इस परीक्षण के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पत्र जारी किया गया था। जिसमें महिला पुलिस एवं उनके परिजन को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं आवश्यक इलाज किया जाएगा। जिसमे मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग द्वारा उक्त शिविर के लिए महिला डॉक्टर तेजवती सिंह की टीम बनाकर ड्यूटी लगाई गई थी। ताकि महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारीयो का उचित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके। इस मौके पर करीब 50 महिला पुलिसकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों के महिला परिजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
इसके पश्चात महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में पुलिस अधीक्षक एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं रक्षित निरीक्षक के द्वारा उनकी समस्याओं को सुना गया एवं कार्यशैली की प्रशंसा की गई. पुलिस अधीक्षक महोदय ने बताया कि जिले में अन्य जिलों की अपेक्षा महिला बल इस जिले में बहुत ही कम है फिर भी जिले को सुचारू रूप से हर एक अपराध एवं पुलिस की कार्य पर सहयोग देने के लिए आभार जताया एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया की आज की महिला दूसरे पर निर्भर नहीं हैं। वह हर मामले में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं और पुरुषों के बराबर सब कुछ करने में सक्षम भी हैं। हमें महिलाओं का सम्मान जेंडर के कारण नहीं, बल्कि स्वयं की पहचान के लिए करनी चाहिए। हमें यह स्वीकार करना होगा कि घर और समाज की बेहतरी के लिए पुरुष और महिला दोनों समान रूप से योगदान करे। हर महिला विशेष होती है, चाहे वह घर पर हो या ऑफिस में। उन्होंने खुद की अनुभव एवं उच्च अधिकारियों के बताए अनुसार महिला पुरुष की बराबरी शब्दों को याद करते हुए सभी महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को अवगत कराएं एवं स्वयं शब्दों को जीवन में अमल करने की बाते बताई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आज की महियाये अपने आस-पास की दुनिया में बदलाव ला रही हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों की परवरिश और घर सवारने में एक प्रमुख भूमिका भी निभाती है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस महिला की सराहना करें और उसका सम्मान करें जो अपने जीवन में सफलता हासिल कर रही हैं और अन्य महिलाओं और अपने आस-पास के लोगों के जीवन में सफलता ला रही हैं। उत्कृष्ट कार्य करने वाले महिलाओं को पुरस्कृत भी किया जा रहा है एवं आज के मौके पर उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारी को उपहार भेंट किया गया।
गुड सेमेरिटन के तहत यातायात प्रभारी सूबेदार सौरभ चंद्राकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने एवं पुलिस को सूचना देने तथा सहयोग करने में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु मनोरा के विनोद भगत एवं चंद्रशेखर स्वर्णकार ने सराहनीय योगदान दिए. उन दोनों को आज पुलिस अधीक्षक महोदय के हाथों मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।