गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान वन क्षेत्र में लगी आग

  • छोटे पौधे एवं झाडियां जल कर खाक वृक्षों को भी कुछ मात्रा में हुआ नुकसान
  • आमा पानी से लेकर तुर्री पानी के बीच पेड़ पौधों को आग से हुआ नुकसान, रात में दूर से दिखाई दे रही आग

कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय)

गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सोनहत एवं रामगढ परिक्षेत्र के कई स्थानों में आग लगने से छोटे पौधे और झाड तो पूरी तरह जल कर खत्म हो गए वही बडे वृक्षों को भी आग से नुकसान पहुचा है । वही वनों में आग लगने की इस घटना से क्षेत्र के प्रबुद्ध वर्ग में वन विभाग के प्रति आक्रोश का आलम है लोगों का कहना है अधिकारीया कर्मचारीयों द्वारा अपने कर्तब्य का जिम्मेदारी पुर्वक निर्वाहन नही करने से इस तरीके की घटनाएं घट रही है । इसके अतिरिक्त कुछ लोगों ने यह भी कहा की सोनहत क्षेत्र में वन संपदा का दोहन काफी मात्रा में हुआ है यदि इस आग जैसी घटनाओं को पर नियंत्रण नही किया गया तो सोनहत क्षेत्र में वन संपदा को भारी नुकसान होगा जिसका खामियाजा हम सबके साथ आने वाली पीढी को भुगतना पडेगा ।

फायर वाचर नदारत
इधर जंगलों में भीषण आग लगी हुई थी लेकिन विभाग स्तर पर न तो कोई फायर वाचर और न ही कोई कर्मचारी घटना स्थल का मुवायना करने एवं आग बुझाने के लिए पहुचा जिससे फायर वाचरों के उपर भी सवालिया निशान उठने लगे है उल्लेखनीय है की विभाग फायर वाचरों को आग बुझाने एवं उस पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए नियुक्त करता है लेकिन जंगलों के किनारे फायर वाचरों के दिखाई नही देने से विभाग के प्रति कई सवाल उठने लगे है।

अभी तक मौसम ने बचाया
पिछले साल इसी सीजन में राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सबसे ज्यादा आग लगी थी जिससे पूरा उद्यान क्षेत्र विरान हो गया था लेकिन इस माह रूक रूक कर हुई बारिष व खराब मौसम के कारण वनों को आग से काफी राहत मिली है लेकिन अब गर्मी बढने लगी है और आग की घटना भी निरंतर बढेगी जिससे निपटने के लिए वन विभाग के प्रयास नाकाफी नजर आ रहे है।

यहां पर हुआ नुकसान
गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के तुर्रीपानी आमा पानी क्षेत्र लक्ष्मनटांड़ के अलावा रामगढ सिंघोर रोड पर सड़क किनारे सोनहत वन परिक्षेत्र के एरीया में भी आग का आलम जारी है।

वनों की निगरानी आवश्यक
उल्लेखनीय है की सोनहत क्षेत्र में अन दिनों ग्रामीणों द्वारा महुआ संग्रहण के चक्कर में जंगलों में आग लगाने की सूचना कई क्षेत्रों से आ रही है लेकिन फायर वाचरों की संख्या कम होने के कारण अलग अलग स्थानों पर आग में काबू नही पाया जा रहा है । लेकिन कार्यालय से महज कुछ दूरी पर आग लग जाना और उसे बुझाने किसी भी प्रकार का कोई प्रयास नही किया जाना फयर वाचरों एवं वन कर्मीयों के डयूटी पर सवालिया निशान लगा रहा है । वहीं इस संबंध में पार्क के अधिकारीयों का कहना है की राष्ट्रीय उद्यान सोनहत परिक्षेत्र में अभी आग की स्थिती नही है कुछ स्थानों पर थोड़ा बहुत आग लगने की जानकारी मिली थी जिसे तत्काल बुझवा दिया गया है फायर वाचर वनों में सतत निगरानी हेतू भ्रमण कर रहे है लेकिन ग्रामीण महुआ बिनने के चक्कर में आग लगा देते है जो फैल कर वृहद हो जाती है  मेरी ग्रामीणों से अपील है की वन में आग न लगाए एवं आग लगने की सूचना तत्काल विभाग को देवे ।