[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight] [highlight color=”red”]दीपक सराठे [/highlight]
[highlight color=”yellow”]प्रशासन तक दौड़ते-दौड़ते न जाने कितनी राशि हो गई खत्म[/highlight]
गांव में पुलिया व सडक निर्माण तो हुआ परंतु उस निर्माण में पसीना बहाने वाले आदीवासी पण्डों जनजाति के लोगों को मजदूरी के नाम पर ठेंगा दिखा दिया गया। बड़ी बात यह है कि संरपच सचिव की करगुजारियों का कारनामा यही आकर खत्म नहीं होता। उनके द्वारा 50 मजदूरों की लगभग 5 लाख मजदूरी के बदले अंगूठा लगवाकर 1 लाख रूपये बांट दिये गए। यह मामला लखनपुर तहसील का ग्राम माजां राजाकटेल का है। रोजगार गारंटी के तहत वर्ष 2012 में किए गये इन कायों की पूरी मजदूरी आज भी मजदूरों को नहीं मिल सकी है। इन चार साल मेें उक्त कार्य निर्माण कार्य करने वाले आदीवासी मजदूरों ने कई बार प्रशासन के दरवाजे पर न्याय की दस्तक दी, परन्तु न तो उन गरीब मजदूरों की आवाज प्रशासन ने सुनी और ना ही जांच के लिए प्रशासन का कोई नुमांइन्दा उन मजदूरों के गांव में कदम रखा। गत 28 जून को भी मजदूरों ने अधिवक्ता धीरेन्द शर्मा के नेतृत्व में मजदूरी दिलाए जाने के गुहार कलेक्टर से लगाई थी। कार्रवाई नहीं होने पर मजदूर दो दिन पहले पुन कलेक्टोरेट पहुंचे थे।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले ग्राम मांजा एवं राजाकटेल गांव के आदीवासी पण्डों जन जाति के मजदूर तिजोबाई, कारमेन, कामेश्वर, सुमरी, मनासो, शन्ति बाई, शनियारो सहित अन्य लोगों का कहना है कि गांव के वर्तमान सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा राशन कार्ड में भी हेरा फेरी की जा रहीं है। कई महीनों का राशन गायब कर राशन कार्ड में फर्जी रूप से उसे चढ़ा दिया जा रहा है। वर्ष 2012 में गांव में ही पुलिया व सडक का काम रोजगार गारंटी योजना के तहत् किया गया था। इस योजना में काम करने वाले 50 मजदूरों की मजदूरी लगभग 5 लाख रूपए में सिर्फ एक लाख रूपए देकर मजदूरों से जबरन अंगूठा लगवा लिया गया। ग्रामीण मजदूर इसकी शिकायत कई बार कई अधिकारियों से कर चुके है। मजदूरो की मांग है कि मजदूरी की राशि में गोलमाल करने वाले लोगों के विरूद्ध हेराफेरी का मामला दर्ज किया जाए व मजदूरों को उनके हक का पैसा दिलवाया जाए। बहरहाल इन मांगो को लेकर मजदूर पिछले चार साल से प्रशासन के चक्कर काट रहे है, परन्तु अभी तक उनकी गुहार शायद अधिकारियों तक नहीं पहुंच सकी है।