महेन्द्र कर्मा के शहादत के बाद भी हम पिछले विधानसभा चुनाव मे दंतेवाड़ा हारे ….क्या कारण रहा 12 में 11 हारने का.. अब की बार क्या होगा परिणाम जाने क्या कहा टी.एस. बाबा ने…

संजय यादव
जांजगीर चांपा। डीएमएफ की बैठक मे शामिल होने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एंव जिले के प्रभारी मंत्री टीएस बाबा आज जांजगीर कलेक्ट्रोरेट कार्यालय पहुचे. साथ में क्षेत्र की विधायक सहित विधानसभा के अध्यक्ष डां चरण दास महंत भी शामिल हुऐ । उन्होने ने मिडिया से चर्चा करते हुऐ कहा कि पिछले विधानसभा में जिन कारणो से नही जीत पाये थे उन बातो को सुनिश्चत करें, कि लोगो मे क्या संदेश गया था कि महेन्द्र कर्मा के शहादत के बाउजुद वहां की 12 में 11 जीते, पर दंतेवाड़ा सीट हार गये। लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनेगी और कांग्रेस को वह सीट जीता कर देगी। छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी टीएस सिंहदेव ने कहा कि डीएमएफ मद का उपयोग केवल नाॅनबजटेड कार्यो के लिए किया जायेगा। शासकीय योजनाओं के गेप की फिलिंग के लिए इस फण्ड का उपयोग किया जायेगा। जिला खनिज न्यास मद के सदस्यों से चर्चा कर प्राथमिकता के आधार पर कार्य स्वीकृत किये जाएंगे। बड़े एवं दीर्घकालीन कार्यो के लिए तीन अथवा पांच साल की कार्ययोजना भी तैयार की जायेगी। प्रभारी मंत्री सिंहदेव ने कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जिला खनिज न्यास मद के शासी परिषद की बैठक में कही। परिषद के सदस्यों द्वारा कुल 140 करोड़ रूपये के कार्यो का अनुमोदन किया गया। सिंहदेव ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार कुल बजट का 60 प्रतिशत उच्च प्राथमिकता क्षेत्र मंे एवं 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों पर व्यय किया जाना है। वही मिडिया से चर्चा करते अबकारी मंत्री के नेता बनना है तो कलेक्टर एसपी के काॅलर पकडें वाले बयान पर बजाव करते हुऐ कहा कि मंत्री का कहने का उदेश्य कुछ और था. आगे दंतेवाड़ा उपचुनाव मे पिछले विधानसभा चुनाव मे हार के कारणो की समीक्षा करने की बात कही आगे महेन्द्र कर्मा के बेटी का वायरल आडियो पर भी बोले। प्रभारी मंत्री ने कहा कि डीएमएफ मद के लिए राज्य सरकार के नये निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जायेगा। न्यास द्वारा संपादित कार्यों की सोशल आडिट एवं महालेखाकार आडिट कराई जाएगी। जिले के 234 गांव खदानों से प्रत्यक्ष प्रभावित हैं एवं 648 गांवों को अप्रत्यक्ष प्रभावित गांव की श्रेणी में रखा गया है। कुल बजट का 50 प्रतिशत राशि प्रत्यक्ष प्रभावित गांवो में और 50 प्रतिशत राशि अप्रत्यक्ष प्रभावित गांवों में उपयोग किया जायेगा। विशेष परिस्थिति में शासी परिषद् के पूर्वानुमोदन से प्रत्यक्ष प्रभावित का 10 प्रतिशत राशि अप्रत्यक्ष क्षेत्र में व्यय किया जा सकेगा। श्री सिंहदेव ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार कुल बजट का 60 प्रतिशत उच्च प्राथमिकता क्षेत्र मंे एवं 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों पर व्यय किया जाना है।