आईएएस अमित कटारिया को पसंद करते हैं छत्तीसगढ़ के लोग

रायपुर

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के कलेक्टर आईएएस अमित कटारिया को उनके अच्छे काम के कारण याद करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. कटारिया ने जिन भी जिलों में काम किया है, वहां के लोग आज भी उन्हें याद करते हैं. उनके साथ काम करने वाले अधिकारी हों, कर्मचारी या आम नागरिक, सब ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कटारिया को नोटिस जारी करना गलत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दंतेवाड़ा यात्रा के दौरान 9 मई को कलेक्टर अमित कटारिया काला चश्मा और शर्ट-पैंट पहने हुए थे. इसी पोशाक में अमित कटारिया ने बतौर जगदलपुर कलेक्टर एयरपोर्ट पर प्रधान मंत्री की अगवाई भी की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने उसने हाथ मिलाया था, हालांकि उनके पहनावे पर हैरत भी जाहिर की थी.

छत्तीसगढ़ सरकार को कटारिया का यह पहनावा रास नहीं आया था और भविष्य में ऐसा नहीं करने की सलाह दी गई थी. हैरत की बात यह है कि जिस चीज के लिए आईएएस कटारिया को राज्य सरकार ने डांट पिलाई, उसी चीज के लिए रायपुर डेवलपमेंट सोसायटी के कर्मचारी उनकी तारीफ़ करते नहीं थकते.

दरअसल अमित कटारिया 2010 में रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ थे. उस समय उन्होंने जो काम किया, उसका लोहा आज भी लोग मानते हैं. सीईओ रहते हुए कटारिया ने छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को लांच किया था. रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के कर्मचारी धर्मेन्द्र सेंगर की मानें तो जब कटारिया ने रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की कमान संभाली, तो विभाग की हालत बहुत खराब थी. कटारिया ने आते ही विभाग में जान डाल दी थी. उन्होंने 15 साल से रुके कर्मचारियों की पदोनन्ति को शुरू करवाया था और कर्मचारियों को अच्छे कपड़े पहनने और सलीके से रहना भी सिखाया था.

काम करने या करवाने के मामले में भी आईएएस अमित कटारिया बहुत सधे माने जाते हैं. 2013 में कटारिया रायगढ़ के कलेक्टर थे. तब शहर में बनने वाली सड़क को लेकर आम जनता से राय ली जा रही थी. इसी बैठक में रोशन अग्रवाल थे, जो रायगढ़ में बीजेपी के बड़े नेता हैं और वर्तमान में रायगढ़ से बीजेपी के विधायक भी हैं.

बैठक में रोशन अग्रवाल अवैध निर्माण करने वाले की वकालत कर रहे थे और कलेक्टर अमित कटारिया बार-बार उन्हें समझा रहे थे की सड़क बनाने के लिए अवैध निर्माण को तोड़ना ही पड़ेगा. इसी बीच रोशन अग्रवाल बार-बार अपनी बात मनवाने के लिए कटारिया से बहस करने लगे. इसके बाद कटारिया ने बीजेपी नेता को मीटिंग से बाहर कर दिया.

रायगढ़ के लोगों की मानें तो रायगढ़ में कटारिया के कार्यकाल में गरीबों का मुफ्त इलाज (करीब 4 करोड़ रुपये) का हुआ. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन भी इस बात को मानते हैं की कटारिया साहब ने हमेशा अस्पताल प्रबंधन का साथ दिया. अमित कटारिया ने गरीबों की हार्ट और ब्रेन जैसी सर्जरी अपने कार्यकाल में मुफ्त में करवाई.

अमित कटारिया 2 मार्च को जगदलपुर के कलेक्टर बनाए गए. कटारिया को जगदलपुर आए अभी पूरे-पूरे तीन महीने भी नहीं हुए हैं और जगदलपुर के लोग यह कहने लगे हैं कि ऐसा अफसर पहले कभी नहीं देखा.

जगदलपुर के लोगों का कहना है की ऐसा पहला अफसर जगदलपुर आया है, जो दरभा घाटी और झीरम घाटी जैसी जगहों में जाकर ग्रामीणों की समस्या सुनता है. आपको बता दें कि झीरम घाटी वही इलाका है, जहां नक्सलियों ने 33 कांग्रेसियों को मार दिया था. अमित कटारिया जबसे जगदलपुर आए हैं, वो लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जन शिविर में खुद शामिल हो रहे हैं और ग्रामीणों की समस्या सुन रहे हैं.