अम्बिकापुर इस बार के बजट से शिक्षाकर्मियों को अपने बेहतरी को लेकर काफी अपेक्षाएं थी । हर शिक्षाकर्मी को आस थी कि प्रदेश के मुखिया कुछ घोषणा अवश्य ही करेंगे किन्तु केवल कमेटी के निर्णय का इंतजार के अलावा कुछ नही मिला उक्त बातें छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ सरगुज़ा के जिला अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा । श्री वर्मा ने कहा कि हम जब से नियुक्त हुए हैं तब से तो कमेटी का इंतजार कर रहे हैं । इस बार मध्यप्रदेश में हुए संविलियन के कारण यंहा भी अपेक्षाएं काफी बढ़ी हुई थी किन्तु शिक्षाकर्मियों के लिए निराशाजनक रहा यह बजट। वर्मा ने बताया कि पिछले तीन महीने से सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षाकर्मियों को वेतन नही मिला है । वेतन पर लेटलतीफी हर बार रहती है । समय पर वेतन भुगतान हो सके इस हेतु भी बजट में कुछ शामिल नही है। एक तरफ तो हमारी समस्या जस की तस बनी हुई है उस पर सरकार का ध्यान नही है दूसरे तरफ करोड़ो रूपये खर्च कर हमारे ऑनलाइन उपस्थिति हेतु कॉसमॉस ला रहे हैं । जबकि हमारे निरीक्षण के लिए संकुल समन्वयक , प्रभारी , पटवारी , पंच व अन्य जनप्रतिनिधि से लेकर तमाम अधिकारी भी हैं। हम ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था का विरोध नही करते जरूरी है होनी चाहिए पर यह सभी विभागों में होनी चाहिए । हमारे देखरेख के लिए तो तमाम लोग है पर दूसरे विभागों को कौन देखता है । इसलिये हमसे ज्यादा आवश्यक दूसरे विभागों की निगरानी करना है। मैनपाट ,लुंड्रा , उदयपुर,सीतापुर, लखनपुर , बतौली के दूरस्थ अंचलों में जंहा बरसात के दिनों में नदी , नाले पर कर हमारे शिक्षा कर्मी साथी स्कूल जाते है । जंहा खुद को स्कूल पहुंचाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है ऐसे में टेबलेट लेकर कैसे स्कूल पहुचेंगे । अभी भी कई जगह बिजली , सड़क व स्कूल भवन की समस्या बनी हुई है। इन मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद ही स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराने हेतु टेबलेट बांटना था।