पाॅवर कंपनी के छः सब स्टेशन 01 मई से प्राइवेट में गये
रायपुर
पाॅवर कंपनी के सब छः सबस्टेशन 1 मई से प्राइवेट में गये कांग्रेस के प्रवक्ता एम ए इकबाल ने पावर कंपनीे पर छत्तीसगढ़ के बेरोजगारो के साथ क्रुर मजाक का आरोप लगाते हुये कहा कि पावर कंपनीे के 132 के.व्ही. सबस्टेशन को प्राइवेट ठेके पर दिये जाने पर विरोध किया है और कहा कि यदि इन सब स्टेशनो में छत्तीसगढ़ के बेरोजगार को नई भर्ती की जाती तो अच्छा होता।
पाॅवर कंपनी ने आदेश कर विभागीय रूप से 132 के.व्ही. के छः सब स्टेशन-मनेन्द्रगढ़ सांरगढ़, रूवाबांधा, डोगरगढ़, बीरगांव और महासमुंद के बड़े-बड़े पाॅवर सब स्टेशन को प्राईवेट में देकर कंपनी ने ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया है। यह सब भलीभाती प्रकार से जानते है कि ठेकेदारी में किसी काम को देने पर किस-किस को लाभ होता है। पाॅवर कंपनी ने पहले ही 220 के.व्ही. सबस्टेशन के 20 में से 11 को ठेके पर दे चुके है इसी तरह 132 के.व्ही. के 76 सबस्टेशन में से 69 सबस्टेशन ठेके में दिये जा चुके है। प्राईवेट ठेके में दिये जाने से प्रति सबस्टेशन 1.5 लाख के हिसाब से लगभग प्रतिवर्ष 12 से 13 करोड़ रूपये का काम प्राईवेट कंपनी को दिया गया है। खास बात यह है कि इन प्राईवेट कंपनी की साहयता के लिये विभागीय इंजीनियर और सबस्टेशन में एक-एक विभागीय कर्मचारी को भी तैनात किया जाता है। इस तरह डबल-डबल खर्च पाॅवर कंपनी उठाती है। एक तथ्य यह भी है कि ये सभी ठेके उन्हीं पुराने ठेकेदारों को दिये जाते है जो पहले से यहां जमे है ।
यदि इन सबस्टेेशनो तथा आने वाले दिनों में जो नये-नये सबस्टेशनों बन रहे है उनमें छत्तीसगढ़ के बरोजगार नौवजवानों की भर्ती किये जाने से उनको रोजगार मिलता परंतु सरकार बरोजगारो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।