शिक्षकों की मनमानी..स्कूली बच्चे चरा रहे मवेशी..डीईओ और बीईओ दे रहे है जाँच का हवाला….

बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) प्रदेश में भले ही सरकार सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने तमाम तरह की योजनाएं बनाने की बाते करती हो..पर उन स्कूलों का क्या? जहाँ पदस्थ शिक्षकों में अपने काम के प्रति दिलचस्पी ही ना हो और शिक्षा के नामपर उन स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता रहे…एक ऐसी खबरें जिले के ग्राम जोकपाठ से निकल कर आ रही है..जहाँ स्कूल है..विद्यार्थी है..शिक्षक है..पर शिक्षक स्कूल केवल दस्तखत कर अपनी जिम्मेवारी पूरी कर लेते है…
दरसल बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ब्लाक के ग्राम जोकपाठ में सरकार ने नियमतः 3 -3 किलोमीटर में 2 स्कूले प्राथमिक शाला लालदरा पारा और बगीचा पारा में खोल रखी है..लेकिन बगीचा पारा में पदस्थ शिक्षाकर्मी बैजनाथ यादव,लालदरा पारा में ,आलोक यादव पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है..की ये शिक्षक स्कूल तो जाते है पर हाजिरी भर कर वापस लौट जाते है..

बता दे की यह स्कूल महज कागजो में ही संचालित हो रहे है..और पठार में बसे जोकपाठ में कभी कोई अधिकारी मॉनिटरिंग भी नही करने जाते..आदिवासी बाहुल्य इस बस्ती में शायद ही कोई ऐसा विद्यार्थी हो जिसको इन सरकारी स्कूलों से बुनियादी शिक्षा मिल पाई हो..इसी कारण आज गाँव के स्कूली बच्चे गाय भैस चराने पर मजबूर हो गए है ।

फर्जी शिक्षक उपस्थित पत्र का मामला :लालदरा में पदस्थ हेडमास्टर विनोद यादव का कहना है कि मेरे स्कूल में पदस्थ शिक्षक आलोक यादव स्कूल नही आते है और दवाव डालकर फर्जी हस्ताक्षर करके चले जाते है ।

वही इस मसले पर जिम्मेदार अधिकारी भी जाँच का हवाला देकर दोषी शिक्षकों को बचाते और बच्चों का भविष्य बर्वाद करते दिख रहे है ।