अम्बिकापुर (सीतापुर: अनिल उपाध्याय) श्रम विभाग में पंजीकृत महिलाओं को निःशुल्क सायकिल प्रदान करने प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री निःशुल्क सायकिल वितरण योजना विभाग के कतिपय अधिकारियों एवं उनके चहेतों की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।पंजीयन के नाम पर प्रत्येक महिला हितग्राहियों से भाजपा पदाधिकारी समेत उसके चहेतों ने पाँच सौ से एक हजार रुपये तक कि अवैध उगाही कर डाली।इस अवैध उगाही का भांडाफोड़ तब हुआ जब पैसा देने के बाद भी सायकिल वितरण कार्यक्रम में गृहमंत्री के हाथों उन्हें साइकिल प्राप्त नही हुआ।इससे निराश महिलाओं ने कार्यक्रम में जमकर हंगामा मचाते गृहमंत्री के समक्ष सारे नाम कबूल डाले और बिना सायकिल खाली हाथ विभाग को कोसते हुये वापस लौट गई।महिलाओं की नाराजगी देख गृहमंत्री ने श्रम विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और अवैध उगाही के विरुद्ध जाँच के निर्देश दिये है।
विदित हो कि श्रम विभाग में पंजीकृत महिलाओं को श्रम विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री निःशुल्क सायकिल वितरण योजना के तहत सायकिल दिया जा रहा है इसी क्रम में बुधवार को लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा के मुख्य आतिथ्य में निःशुल्क सायकिल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमे शामिल होने क्षेत्र से हजारो की संख्या में महिलाये आई थी।जिसमे 1350 सायकिल वितरित हुआ।इसी बीच कार्यक्रम से गृहमंत्री के जाते ही वहाँ सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया उनका कहना था कि सायकिल दिलाने का झाँसा दे कर पंजीयन के नाम पर हमसे भाजपा पदाधिकारी समेत श्रम विभाग के लोगो ने पाँच सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक वसुल लिये और हमे सायकिल भी नही दिलाया।इस संबंध में जब गिरहुलडीह निवासी कांतिमा तिलसा सुधनी मनपतिया ग्राम सुर करियापरा निवासी धनासो सुधियारो देवमुनि ग्राम बमलाया निवासी कलावती सहित दर्जन भर महिलाओं ने कहा कि पंजीयन के नाम पर हमसे पाँच सौ से एक हजार रुपये तक श्रम विभाग के लोगो ने वसूला और इस कार्यक्रम में बुलाया था किंतु सूची में नाम न होने की बात कह हमे सायकिल नही दिया गया।श्रम विभाग की इस अवैध उगाही एवं सायकिल न मिलने से नाराज महिलाओं ने श्रम विभाग को कोसते हुये खाली हाथ लौट गई।इस बात की जानकारी जब गृहमंत्री को मिली तो उन्होंने श्रम विभाग पर नाराजगी जाहिर करते हुये अधिकारियों को जाँच की निर्देश दिये है।
दस हजार लोगों का किया गया है पंजीयन:-एक अनुमान के मुताबिक मुख्यमंत्री निःशुल्क सायकिल वितरण के नाम पर पूरे विकास खँड में दस हजार महिलाओं का पंजीयन किया गया और सभी से पाँच सौ एवं एक हजार रुपये सायकिल दिलाने के नाम पर वसूला गया।हद तो तब हो गई जब भाजपा सरकार के इस अभिनव योजना में भाजपा के मंडल महामंत्री समेत कई अन्य पदाधिकारी एवं उनके चहेतों ने भी बहती गंगा में डुबकी लगाई और पंजीयन के नाम पर जमकर पैसे वसूले जिसकी पूरे शहर में जोरशोर से चर्चा है।
गरीब महिलाओं से अवैध वसूली नियम विरुद्ध एवं अन्याय है:-महिला हितग्राहियों से मुख्यमंत्री निःशुल्क सायकिल वितरण योजना अंतर्गत पंजीयन के नाम पर अवैध वसूली को नियम विरुद्ध एवं अन्याय बताते हुये विधानसभा अध्यक्ष पंचायत प्रतिनिधि संघ एवं काँग्रेसी नेता अनिल निराला सरपंच ग्राम पंचायत सुर ने कहा कि यह लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ है कुछ लोग इस योजना की आड़ में अपना हित साधने में लगे है उनको क्षेत्र की गरीब जनता से कोई लेनादेना नही है।मैने पूर्व में भी पंजीयन की आड़ में हो रहे अवैध वसूली का विरोध किया था आज भी मैं इस योजना के नाम पर छले गये लोगो के साथ हुँ।मामले की जाँच सहित दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिये।
इस मामले के बारे में जब श्रम विभाग के उच्चाधिकारी अनिल कुजूर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पंजीयन के नाम पर कार्यालय में मात्र दस रुपये लिये जाते है और ग्राहक सेवा केंद्रों में चालीस रुपये लिये जाते है।श्रम विभाग के माध्यम से साइकिल निःशुल्क बाँटना है इसमें एक रुपये भी नही देने है अगर इसकी आड़ में अवैध वसूली की गई है तो जाँच कराऊँगा अगर विभाग का कोई भी व्यक्ति दोषी पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।