प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में भौतिक अधोसंरचना को मज़बूत बनाने और अकादमिक विकास के लिए वस्तु रूप में सहायता देने के लिये सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय उपहार योजना शुरू की जा रही है। सभी शालाओं को अपनी आवश्यकताओं को चिन्हित करने को कहा गया है। योजना की नवीन स्वरूप में लान्चिंग और अच्छी शालाओं को प्राथमिकता देने के लिए प्रणाम पाठशाला कार्यक्रम शुरू होगा। पहली कक्षा में प्रवेश के लिये घर-घर सर्वे होगा। यह जानकारी आज यहाँ ‘स्कूल चलें हम’ अभियान 2017 की समीक्षा में दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ दशहरा मैदान उपवास स्थल पर अभियान की समीक्षा की, जहाँ वे शांति के लिये उपवास पर बैठे थे।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिये हरसंभव उपाय अपनाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि “मिल बाँचें मध्यप्रदेश” कार्यक्रम में पोर्टल पर पंजीयन 15 जून से शुरू हो जाएगा। जो लोग पहले से पंजीकृत हैं, उनका नवीनीकरण सिर्फ एक क्लिक से हो जाएगा। वे नए प्रवेश करने वाले बच्चों के साथ संवाद करेंगे और उन्हें शाला आने के लिए प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम में शाला के पूर्व छात्रों की भी सहभागिता होगी।
सभी प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में नवीन शाला प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है। समितियों की प्रथम बैठक 14 से 15 जुलाई को एक साथ होगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी समितियों की बैठक होगी। बैठक में मिल बांचें कार्यक्रम के वालिंटियर्स, विद्यालय उपहार योजना के दानदाताओं, पालकों, समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों को आमंत्रित किया जाएगा। राज्य और जिला स्तरीय कार्यक्रम की गतिविधियों को अंतिम रूप दिया गया है। सर्वाधिक उपस्थिति एवं पढ़ाई, खेल, कहानी उत्सव में श्रेष्ठ छात्रों का सम्मान किया जायेगा।
शाला स्तरीय कार्यक्रम में कक्षा एक, छह और नौ में प्रवेश करने वाले बच्चों का स्वागत वरिष्ठ छात्रों द्वारा किया जाएगा। प्रवेशोत्सव समारोहपूर्वक किया जाएगा। शिक्षकों की नियमित उपस्थिति के लिए शिक्षा मित्र मोबाइल एप का उपयोग किया जाएगा। शाला जाने योग्य अन्य समूह के बच्चों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।