Chhattiagarh: सुर्खियों में छाया हैं पुलिस द्वारा 3 लाख की उगाही का मामला, गांजा तस्करों से वसूली, थाना प्रभारी समेत उच्चाधिकारियों तक हैं इसकी कानो कान खबर

अनिल उपाध्याय/सीतापुर- अपराधों पर लगाम लगाते हुए भयमुक्त माहौल का निर्माण एवं जनता का विश्वास जितने सरगुजा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान ऑपरेशन विश्वास सीतापुर में दम तोड़ती नजर आ रही है। पुलिसिया कसावट के अभाव में थाने में पदस्थ कुछ पुलिसकर्मी इस अभियान की मिट्टी पलीद करते नजर आ रहे है। जिसकी वजह से नगर समेत क्षेत्र में अपराधियों के बीच पुलिस का भय नजर नही आ रहा है। यही वजह है कि, नगर समेत क्षेत्रों में नशाखोरी, मवेशी तस्करी, गांजे की अवैध बिक्री, ड्रग्स तस्करी एवं शराब का अवैध धंधा तेजी से फलफूल रहा है। इसके पीछे की वजह अपराधियों में रत्तीभर पुलिस का खौफ नही है। जिसकी वजह से लोग बेखौफ होकर अवैध कामो को अंजाम दे रहे है। सरगुजा पुलिस का ऑपरेशन विश्वास सीतापुर में कितना सफल है एवं अभियान को लेकर पुलिस कितनी गंभीर है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है लूटपाट की नीयत से किया गया गेरसा हत्याकांड। गेरसा हत्याकांड को हुए दो माह होने को है। लेकिन, पुलिस आज तक इस हत्याकांड के आरोपियों का सुराग नही लगा सकी है। जिसकी वजह से यह मामला अभी भी सुर्खियां में बना हुआ है।

इसे भी पढ़िए -Scorpio की नईया डूबा देगा Tata की ये दमदार SUV, जानिए Tata Sumo की फीचर्स, इंजन और प्राइज…

इस सुर्खियों के बीच सीतापुर पुलिस का एक नया मामला काफी सुर्खियां बटोर रहा है। वो है गांजा तस्करों को माल समेत छोड़ने के एवज में तीन लाख की वसूली का मामला। सप्ताह भर पहले सीतापुर थाना क्षेत्र में तस्करी करने आये गांजा तस्कर गांजा समेत सिपाहियों के हत्थे लग गए थे। जिसे छोड़ने के एवज में सिपाहियों ने गांजा तस्कर से तीन लाख वसूल लिए और माल समेत उन्हें जाने दिया। गुप्त सूत्रों से यह बात जब थाने तक पहुँची तब थाने में हड़कंप मच गया। थाना प्रभारी खुद इस बात को मानते है कि, कुछ पुलिस वालों के द्वारा गांजा तस्करों से तीन लाख की वसूली की है। लेकिन किसने किया ये पूछने पर वो अनभिज्ञता जाहिर करते है। वो खुद ये जानने के प्रयास में जुटे हुए है कि आखिर किसने पुलिस का नाम खराब करने के लिए ऐसा काम किया है। इसके लिए उन्होंने अपने विश्वस्त सूत्रों को काम पर लगा दिया। तीन लाख वसूली का मामला कानो कान होते हुए पुलिस के उच्चाधिकारियों तक जा पहुँचा है। वही लोगो के बीच भी यह मामला काफी सुर्खियां बटोर रही है। इस मामले में लोगो ने सालो से थाने में जमे कुछ पुलिसकर्मियों के ऊपर उंगली उठाई है। जिनके कारनामो से ऑपरेशन विश्वास के साथ सीतापुर पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। वैसे इस मामले में अधिकारी चाहे तो पुलिस वालों के कॉल डिटेल चेक कर इसकी तह तक पहुँच सकते है। अगर ऐसा हो गया तो थाने में पदस्थ उन पुलिसकर्मियों की पोल खुलकर सामने आ जायेगी। जिनकी सेटिंग दो नंबरी काम करने वालो के अलावा गांजा तस्कर से लेकर मवेशी तस्करों तक है। जो वर्दी के आड़ में ऐसे आपराधिक तत्वों को अपना संरक्षण प्रदान करते है।

इसे भी पढ़िए – Air Force Requirement 2024: 12वीं पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका, भारतीय वायु सेना में निकली भर्ती, जानिए Qualification, Age Limit, Eligibility, Registration

Random Image

इस संबंध में थाना प्रभारी भरतलाल साहू ने बताया कि, गांजा तस्करों से तीन लाख की उगाही का मामला मेरे जानकारी में है। उन्होंने इस काम को अंजाम देने वाले के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी हो तो थाने को अवश्य सूचित करें। मैंने भी अपने लोगो को इस बारे में पता लगाने को कहा है। ताकि पुलिस की छवि धूमिल करने वालों को सबक सिखाया जा सके। उन्होंने नशे के विरुद्ध कार्रवाई करने की भी बात कही।

इसे भी पढ़िए – छत्तीसगढ़: इस विभाग के अफसरों का बड़े पैमाने पर होगा ट्रांसफर, चल रही तैयारी

सालो से सीतापुर थाने में जमे है कई पुलिसकर्मी, हटाने के बाद भी तबादला रद्द करवा वापस चले आते है यहाँ:-

सीतापुर थाने में कई पुलिसकर्मी ऐसे है जो सालो से यही जमे हुए है। इसमे कई स्थानीय पुलिसकर्मी है जिनके आगे किसी की दाल नही गलती। स्थानीय होने के नाते थाना क्षेत्र के चप्पे चप्पे से ये वाकिफ है। क्षेत्र में इनके अपने मुखबिर होते है जो हर एक खबर इन तक पहुँचाते रहते है। अवैध शराब बिक्री, जुआ गांजे की तस्करी मवेशी तस्करी उठाईगिरी की कानो कान इनको खबर रहती है। सीतापुर थाने की बात करे तो तीन साल पहले थाना प्रभारी रूपेश नारंग के नेतृत्व में गांजा तस्करों के विरुद्ध रिकार्ड कार्रवाई हुई थी। चार महीना पहले थाना प्रभारी अश्विनी सिंह के रहते भारी मात्रा में शराब गांजा समेत अपराधियों की धर पकड़ हुई थी। इनके रहते उन पुलिसकर्मियों के दाल नही गले जिनके संरक्षण में अवैध कार्यो फल फूल रहे थे। इनके जाते ही वो पुलिसकर्मी फिर से सक्रिय हो गए जिनके संरक्षण में अवैध काम फल फूल रहे थे।

इसे भी पढ़िए – Balarampur: NH343 से सटे जंगल मे मिली युवक-युवती की लाश… फॉरेसिंक यूनिट को पुलिस ने बुलाया.. नगर बंद का ऐलान!..

यही वजह है कि, इनके जाने के बाद गांजे का एक भी प्रकरण सीतापुर थाने में दर्ज नही हुआ है। जबकि, सीतापुर एवं इसके आसपास के गांव गांजा तस्करी के लिए कुख्यात माना जाता है। जहाँ व्यापक पैमाने पर गांजे की तस्करी की जा रही है। मुखबिरों द्वारा इस बारे में थाने को अवगत भी कराया गया पर अधिकारी निष्क्रिय नजर आए। जिसकी वजह से नगर समेत क्षेत्र में अवैध गांजा ड्रग्स समेत नशे का कारोबार तेजी से पैर पसारने लगा हैं।

इसे भी पढ़िए – कुछ ऐसा भी बिजनेस जिसमें कम पैसा लगाकर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, जानिए ऐसे 5 Business के बारे में….