सौ मर्ज की दवा आँवला खुद बीमार,, सतना मे वन विभाग की उपेक्षा बनी आँवला पेडो के अस्तित्व के लिए खतरा..

FOREST DEPARTMENT Satna

सतना से पी मनीष की रिपोर्ट

कहते है अवला सौ मर्ज कि एक दवा है! आँवला का जहाँ धार्मिक महत्व हे वहीं आवले का अचार और मुरब्बा लोगो के खाने का स्वाद बढ़ा देता है ! बावजूद इसके अवला अगर वन विभाग के संरक्षण में टूटने के बजाय अगर पेड़ पर ही लगा ख़राब हो जाय तो भला इसे क्या कहे गए !जी हा सतना जिले में अवला कुछ इसी तरह से उपेक्षा का शिकार है ! जहाँ वन विभाग इसकी तुड़ाई को लेकर कुम्भकर्णी नीद में है  !और अवला पेड़ पर ही लगे ख़राब होने को मजबूर है ! जबकि पडोसी जिला पन्ना आंवला जिला घोषित है सतना वन परिक्षेत्र में देखना तो दूर सहरी क्षेत्र के सोनौरा नर्सरी में पेड़ो पर लगे ख़राब हो रहे आँवले इसकि एक बानगी है !

Myrobalan Tree
Myrobalan Tree

यह सच है कि आँवले का धर्मिक पौराणिक और वैदिक महत्त्व है !इससे वन विभाग के आला अधिकारी भी बखूबी इत्तफाक रखते है ! और ये भी जानते है कि सतना में आँवले कि पैदावार के लिए उपयुक्त जलवायु है !और हर वर्ष हजारो पेड़ पर लाखो कि कीमत का आँवला लगता है ! जिसपर वन अमले कि उपेक्षित नजर अब आँवले को पेड़ो पर हि ख़राब कर रही है ! वन विभाग आवले कि तुड़ाई पर उसे रॉयल्टी मुक्त होने कि दलील दे रहे है लेकिन के समुचित उपयोग पर अनुमति जरूरी है इस बात से भी इंकार नहीं करते !
 

पेड़ो पर ख़राब हो रहे बहुतायत में अवलो को लेकर किसान हैरान है कि एक पडोसी जिला आवला जिला घोसित है और सतना भी अवलो से भरा पड़ा है जिसका सदुपयोग न होने के चलते सरकारी राजस्व की भी हानि है क्यों कि न सतना जिले का किसान यहाँ के राजनेताओ कि इक्छा सक्ति कि कमी बता रहा है जिसका इस ओर ध्यान ही नहीं ! सतना जिले

Decaying myrrh tree
Decaying myrrh tree

का किसान इस कदर पेड़ो सड़ते आँवलों कि दुर्दसा से मायूस!

धार्मिक महत्व वाले इक्षा नवमी से ही जिस आवले कि तुड़ाई नवम्बर दिसंबर में हो जाती है !और आंवला वन विभाग के  संरक्षण में रहता है वह वनोपज आँवला सतना जिले के किसान के लिए न तो अच्छे आय का संसाधन बन पा रहा और न ही सर्कार के राजस्व कोष को मजबूत कर पा रहा है ऐसे में सतना जिले कि वनोपज भूमि में पैदावार बहुतायत में आँवला अगर पेड़ो पर ही ख़राब हो रहा है ! तो यह सर्कार और सरकारी तंत्र पर कई सवाल छोड़ता है ! जो साफ तोर पर प्रशाशन कि अनदेखी और इच्छा सक्ति में कमी को उजागर  कर रहा है  !