इंदौर के राजवाड़ा में 300 साल पुरानी रंगपंचमी, देश भर से ‘गेर’ देखने पहुंचते है लोग

Madhya Pradesh: इंदौर में खेलने वाली 300 साल पुरानी रंगपंचमी को हर किसी का इंतज़ार होता है। आज ही का वो दिन है जहां गेर से आसमान सतरंगी हो गया है। जहां तक नजर जा रही है, वहां तक जमीन से लेकर आसमान तक उड़ते रंग-गुलाल नजर आ रहे हैं। लोगों का उत्साह चरम पर है। रंगों की बौछार इतनी ऊपर हैं कि लोग अपने घरों को कपड़े से ढक लिए है। जैसे-जैसे गेर आगे बढ़ रही है, लोगों का हुजूम बढ़ता जा रहा है। करीब एक लाख से ज्यादा लोग इसमें शामिल हैं। शहर (city) की इस ऐतिहासिक (historical) गेर में लोग परिवार के साथ शामिल होने पहुंचे हैं। कॉलोनियों और गली-मोहल्लों में लोग एक-दूसरे को रंग लगा रहे हैं। एक बार में 100 किलो गुलाल (Gulal) उड़ाते हैं।

IMG 20230312 WA0016

रसिया कॉर्नर (corner) गेर में विशेष रूप से बैंड बाजे, ढोल ताशे, 3 डीजे की गाडिय़ां, 10 टैक्टर ट्राली (trolly) पर ड्रम से पानी उड़ाते हुए होली के हुरियारे चलते दिखे। पुराने इंदौर की पहचान बैल रंगाड़े, तांगे, 5 पानी की टैंकरों पर 100 फीट तक केसरिया (kesariya) रंग की मार करने वाली मिसाइल भी दिखी। गेर में शामिल सभी गाडिय़ों पर बड़े केसरिया ध्वज रहे। 500 युवा केसरिया हेलमेट पहन कर निकाले।

IMG 20230312 WA0015

गेर देखने के लिए 3 दिन पहले ही छतें हो चुकी हैं बुक

इंदौर (indore) के सबसे बड़े उत्सव रंग पंचमी (rang panchami) की गेर में शामिल होने के लिए लोगों में जितना उत्साह है, उतना ही उसे निहारने के लिए लोग बेसब्र है। गेर ने क्षेत्र की छतों को बेशकीमती बना दिया है। टोरी कॉर्नर (corner) से लेकर राजवाड़ा और गेर के तीन-साढ़े तीन किमी मार्ग पर कोई 400 मकान हैं, जिनकी छत से गेर को निहारा जा सकता है। मुख्य जगहों की छतों के लिए 8 से 10 समूह तक संपर्क कर चुके हैं। इनमें प्रशासनिक व पुलिस अफसरों से लेकर बड़े नेता, उद्योगपति तक शामिल हैं। अब ऊंची सिफारिश पर भी एक-दो लोगों से ज्यादा की जगह नहीं मिल पा रही है। दो-तीन दिन पहले ही सारी छत बुक हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा मांग राजवाड़ा (rajwada) सर्कल की छतों की है, जहां गेर अपने सबसे भव्य रूप में सामने आती है।