मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में हुई ओला वृष्टि देश के इतिहास में सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा के रूप में सामने आई है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से निपटने के लिये राज्य सरकार ने किसानों के हित में असाधारण फैसले लिये हैं। श्री चौहान आज ग्वालियर संभाग के ओला वृष्टि प्रभावित गाँवों की क्षतिग्रस्त फसलों का मुआयना करने के बाद किसानों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमत्री श्री चौहान रविवार को ग्वालियर जिले के ठेर, शिवपुरी के बभेड़, अशोकनगर के म्यापुर गजरउआ तथा दतिया जिले के उदगंवा पहुँचकर ओला वृष्टि से प्रभावित खेतों में गये। मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त फसलें देखी तथा प्रभावित किसानों से चर्चा की। उन्होंने किसानों को ढाँढस बँधाते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। इस दौरे में लोक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र एवं उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया उनके साथ थीं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन गाँवों में किसानों को से कहा कि इस प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिये वे राष्ट्रपति और केन्द्र सरकार से अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा गाँव ओला वृष्टि से प्रभावित हुए हैं। प्रभावित किसानों को राहत पहुँचाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से राहत राशि दी जायेगी। इसके अलावा किसानों के द्वारा खेती के लिये गये कर्ज की वसूली स्थगित करने के निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि किसानों के कर्ज पर लगने वाले ब्याज की राशि का भुगतान किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे किसान जिन्होंने कृषि कार्य के लिये निजी साहूकार से अगर ऋण लिया है तो उसकी वसूली भी नहीं करने दी जायेगी। अगर कोई साहूकर किसी किसान पर अनैतिक दबाव डालेगा तो उसको जेल भेजने की कार्रवाई भी की जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को दो तरीकों से मदद करेगी। प्रथम चरण में नगद राहत राशि प्रदान की जायेगी। द्वितीय चरण में फसल बीमा योजना के माध्यम से भी उन्हें सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी। फसल बीमा योजना के लिये बीमा की आधी प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को अगली फसल आने तक एक रुपये किलो गेहूँ, एक रूपये चावल उपलब्ध करवाया जायेगा। पीड़ित परिवार के घर में बेटी की शादी होने पर 25 हजार रुपये तक की सहायता राज्य सरकार द्वारा मुहैया करवाई जायेगी। उन्होंने राजस्व अमले को पूरी ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ नुकसान का आंकलन करने को कहा। जिन किसानों की फसलों को 50 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान होगा, उनका शत–प्रतिशत नुकसान मानते हुए मदद दी जायेगी। इसके अलावा ओला वृष्टि से मकानों एवं पशुधन आदि का नुकसान होने पर भी राहत राशि दी जायेगी। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को अगली फसल के लिये खाद-बीज की व्यवस्था भी सरकार द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराकर करवाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अधिकारी-कर्मचारी पूरी मेहनत और संवेदनशीलता से किसान की मदद करें। सरकार उन्हें डी ए देने में पीछे नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर जिले के ठेर गाँव के किसान मनीराम जाटव के खेत में जाकर सरसों की क्षतिग्रस्त फसल देखी और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया। इसी तरह वे शिवपुरी के बभेड़ गाँव की अरकोबाई, रामहित, रामप्रकाश और गजुओ की ओला वृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई फसलें देखी। उन्होंने दतिया जिले के उदगाँव के रामरतन अहिरवार और जोशी तथा अशोकनगर के म्यापुर के किसान पूरन माल्या एवं कलुआ जाटव के खेत में जाकर फसलें देंखी और उन्हें हिम्मत रखने का कहकर मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री के दौरे के समय विधायक श्री गोपीलाल जाटव, श्री प्रहलाद भारती भी उनके साथ थे।
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