लाइफस्टाइल डेस्क: प्यार क्यों होता है? इस सवाल का जवाब यूं तो किसी के पास नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो इसको लेकर कुछ थ्योरीज हैं। इन्हीं के जरिए प्यार की साइकोलॉजी समझने की कोशिश करते हैं।
एक अहसास का नाम है प्यार, जो हर इंसान को होता है। इसे लेकर प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक अब्राहम मास्लो ने एक थ्योरी दी, नीड हैरारकी। इसके मुताबिक जब किसी व्यक्ति की भौतिक जरूरतें पूरी हो जाती हैं तो उसे प्यार और एक साथी की जरूरत महसूस होती है, यही है प्यार की साइकोलॉजी। वहीं प्यार की ट्राईंग्युलर थ्योरी देने वाले अमेरिकी साइकोलॉजिस्ट रॉबर्ट स्टर्नबर्ग की नजर में आदर्श प्यार वह है, जिसमें आत्मीयता, जुनून और प्रतिबद्धता शामिल हो। ये तीनों गुण एक साथ कम मिलते हैं, लेकिन अलग-अलग गुणों के साथ मिलकर प्यार के विभिन्न रूप इन्हीं से बनते हैं