आरोप तय होते ही… क्या विधायक और सांसद नहीं लड़ सकेंगे चुनाव? जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

नई दिल्ली. विधायकों और सांसदों के खिलाफ गंभीर अपराध के मामलों में आरोप तय किए जाने पर ही उन्हें अयोग्य घोषित करने और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा है कि MP/MLA के गंभीर अपराधों में आरोप तय होते ही चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आगे सुनवाई करके आदेश जारी करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यूनिफॉर्म गाइडलाइन बनाना हर राज्य के लिए बनाना संभव नहीं, क्योंकि हर राज्य की परिस्थितियां अलग-अलग है. यह याचिका वकील व बीजेपी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये हम हाईकोर्ट पर छोड़ते हैं कि MP/MLA कोर्ट की मॉनिटरिंग करे. हाईकोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर MP/ MLA कोर्ट में चल रहे अपराधिक मामलों का जल्दी निबटारा करें, बेंच में चीफ जस्टिस हो सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि हाईकोर्ट जिला जजों को इस तरह के चल रहे केस की रिपोर्ट मांग सकते हैं और ट्रायल कोर्ट अति जरूरी कारणों के अलावा सुनवाई नहीं टालेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इन केसों को लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करें और एक वेबसाइट बनें जिसमें जिलावार स्टेटस हो कहा कितने केस पेंडिंग हैं.

सांसदों/ विधायको के खिलाफ लम्बित आपराधिक मुकदमों के जल्द निपटारे के लिए बनाए गए स्पेशल कोर्ट की निगरानी का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सौंपा दिया है. कोर्ट ने देश के सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को निर्देश दिया कि वो स्पेशल कोर्ट में चल रहे मुकदमे की प्रगति पर नजर रखने के लिए स्पेशल बेंच का गठन करे.. हाईकोर्ट के बेंच नियमित अंतराल पर सुनवाई करके ट्रायल कोर्ट से रिपोर्ट तलब करे. हाईकोर्ट अपनी वेबसाइट पर केस दायर होने की तारीख और पेंडिंग केस को लेकर ब्यौरा डाले.