परिवार को खाना न मिलने से परेशान पिता ने बेटे को नदी में डुबोकर मार डाला

बालाघाट. कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से सबसे बुरी मार गरीबों को झेलनी पड़ रही हैं. इसका एक और मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है. एमपी के बालाघाट में कथित रूप से बेरोजगार हुए 37 वर्षीय व्यक्ति ने परिवार को भोजन न मिलने से परेशान होकर अपने आठ वर्षीय बेटे के दोनों हाथ बांधकर वैनगंगा नदी में डुबोकर हत्या कर दी.

हत्या करने के बाद आरोपी पिता पहले अपने घर गया और घर में बेटे को नदी में डुबोकर मारने की बात बताने के बाद फिर खुद कोतवाली पुलिस थाना पहुंच कर पुलिस हत्या की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी विजय सिंह परस्ते ने बताया कि नगर के सरस्वती नगर क्षेत्र में निवास करने वाले सुनील जायसवाल ने अपने बेटे प्रतीक जायसवाल की नदी में डुबोकर हत्या कर दी.

उन्होंने कहा कि हत्या करने के बाद आरोपी खुद कोतवाली पुलिस थाना पहुंचा और पूरे प्रकरण की जानकारी दी. परस्ते ने बताया कि उसके द्वारा दी गई जानकारी के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बच्चे का शव बरामद किया. बच्चे के दोनों हाथ पीछे की ओर बंधे थे.

उन्होंने कहा कि मामले में आरोपी पिता के खिलाफ धारा 302 (हत्या) का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है. परस्ते ने कहा कि आरोपी पिता ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि लॉकडाउन के कारण उसके पास कोई काम नहीं था. इसलिए अपने परिवार को पालने में अक्षम होने के कारण अपने बेटे की हत्या कर दी.

उन्होंने कहा कि आरोपी ने कहा कि बेटे को मार कर वह अपना वंश खत्म करना चाहता था. वहीं परिजनों के अनुसार आरोपी काम नहीं होने के कारण अक्सर तनाव में रहता था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी की बड़ी बेटी जिसकी उम्र 10 साल है का जन्मदिन भी था. जिसके लिए केक लेने के नाम पर आरोपी पिता अपने बेटे को लेकर घर से निकला था.