तो महाराष्ट्र मे बीजेपी इस समीकरण के साथ बना सकती है सरकार!

फ़टाफ़ट डेस्क. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए 6 दिन बीत चुके हैं. बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को साफ तौर पर जनादेश मिल गया है. लेकिन अभी भी सरकार गठन नहीं हो पाया है. चुनाव के रुझानों के साथ ही शिवसेना ने बीजेपी पर नई शर्तें थोपनी शुरू कर दी थी. नई शर्त के अनुसार शिवसेना को मंत्रिमंडल में आधी संख्या और शुरू के ढाई साल तक मुख्यमंत्री पद चाहिए. लेकिन बीजेपी किसी भी स्थिति में शिवसेना का ये प्रस्ताव मानने को तैयार नहीं है. इस बात की घोषणा खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कर दी है. वैसे महाराष्ट्र विधानसभा के कार्यकाल को देखें तो 9 नवंबर से पहले सरकर गठन होना जरूरी है. ऐसा न होने की स्थिति में संवैधानिक मुश्किलें आ सकती है.

ये है बीजेपी का प्लान

कई दौर की बातचीत विफल होने के बाद BJP ने शिवसेना के बिना सरकार बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इसे नाम दिया गया है ‘प्लान 2014’. वहीं सूत्रों की मानें तो बीजेपी वर्ष 2014 की तरह महाराष्ट्र में अकेले सरकार बना सकती है. विधानसभा के आंकड़ों को देखें तो ये थोड़ा मुश्किल जरूर लगता है लेकिन जो लोग BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उनकी कार्यशैली को जानते हैं, उन्हें पता है कि BJP किसी भी तरह महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है. इस प्लान को जानने के लिए BJP सरकार के 2014 के बहुमत परीक्षण को देखना जरूरी होगा. इस बहुमत परीक्षण में शिवसेना आखिर तक BJP के खिलाफ खड़ी थी लेकिन अंतिम समय में अपरोक्ष रूप से उसे BJP के साथ आना पड़ा था.

BJP के प्लान के अनुसार यदि एनसीपी 2014 की तरह विश्वासमत के समय सदन से वॉकआउट कर जाए तो सरकार अपना बहुमत सिद्ध कर सकती है. दरअसल 288 सदस्यों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में अगर 54 सदस्यों वाली एनसीपी बहुमत के खेल से बाहर हो जाती है तो यह संख्या 234 रह जाएगी. यानी बहुमत का आकड़ा 118 हो जाएगा, जिसमें BJP के पास 105 सीटें हैं, ऐसी स्थिति में उसे सिर्फ 13 विधायकों की जरूरत पड़ेगी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में 13 निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैं और 15 से उपर छोटे दलों के विधायक हैं. ऐसे में अगर फॉर्मूला 2014 काम करता है तो बीजेपी के लिए सत्ता का रास्ता आसान हो जाएगा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में BJP 105 सीटें जीती है. वहीं शिवसेना ने 56 सीट. एनसीपी के खाते में 54 सीट. जबकि कांग्रेस 44 सीट जीतकर चौथे स्थान पर रही है.