छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा बूथ स्तर तक कमर कसने में जुट गई है। गांव-गांव तक पहुंचने की रणनीति पर दोनों राजनीतिक दल काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के ढाई साल से अधिक का समय होने को है। बता दें कि 2023 में आगामी विधानसभा चुनाव होने को है, जिसकी तैयारी में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल जुट हुई हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बूथ प्रबंधन करके बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
आगामी चुनाव भी कांग्रेस उसी तरह से लड़ने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस सभी 307 बूथ कमेटियों को कसने और उन्हें चुनावी प्रशिक्षण देने की तैयारी में है। बूथ कमेटियों को प्रशिक्षण देने के लिए अलग से प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी ने दिसंबर 2021 तक बूथ कमेटियों के सभी पदों पर नियुक्ति करने का लक्ष्य रखा है। बूथ कमेटी बनने के बाद उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इधर, भाजप ने भी बूथ और मंडल कमेटियों को कसने की रणनीति बनाई है। अगस्त 2021 तक बूथ कमेटियों के खाली पद भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद भाजपा चुनावी रणनीति पर आगे काम करेगी।
कांग्रेस और प्रदेश भाजपा ने यह तय किया है कि बूथ कमेटियां बनाने के बाद दोनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी सरकार का प्रचार और विपक्ष की विफलता जनता तक पहुंचाएंगे। कांग्रेस बूथ कमेटी के लोग केंद्र की भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के बीच लेकर जाएंगे, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऐसे ही भाजपा की कमेटी के लोग बूथ स्तर और हल्ला बोल कार्यक्रम चलाकर राज्य की कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता तक लेकर जाएंगे।