प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनता को संदेश.. PM ने कही कुछ बड़ी बातें.. जानें विस्तार से..

नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित किया. उन्होंने देशवासियों से पांच अप्रैल रविवार को रात के नौ बजे घर की सारी लाइटें बंद करके नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दिया, टॉर्च और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का आग्रह किया. आइए जानते हैं मोदी के भाषण की बड़ी बातें..

जनता-जनार्दन, ईश्वर का ही रूप

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता-जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है. इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए. अपने संबोधन का समापन करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां कहा गया है- उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम् स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम् यानि हमारे उत्साह, हमारी स्पिरिट से बड़ी फोर्स दुनिया में कोई दूसरी नहीं है.’

मां भारती को करिए याद


प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच अप्रैल को रात में अकेले बैठकर मां भारती को याद कीजिए. ये हमें संकट की इस घड़ी से लड़ने की ताकत और जीतने का आत्मविश्वास भी देगा. हमारे यहां कहा गया है कि हमारे उत्साह, हमारी स्पिरिट से बढ़कर दुनिया में कोई फोर्स नहीं होती है. दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जो इस ताकत से हासिल न किया जा सके.

प्रधानमंत्री ने देश को विजयी बनाने का किया आह्वान

प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है. सामाजिक दूरी को किसी भी हालत में नहीं तोड़ना है. आइए साथ आकर, साथ मिलकर कोरोना को हराएं भारत को विजयी बनाएं.

देशवासियों ने लॉकडाउन में दिया सेवा भाव का परिचय

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशवासियों के सेवा भाव की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जिस तरह सेवा भाव का परिचय दिया है. शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर स्थिति को अच्छे ढंग से संभाला है.

हमें अंधकार से प्रकाश के बीच जाना

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश के बीच जाना है. जो गरीब इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उन्हें निराशा से आशा की तरफ ले जाना है. इस संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे खत्म करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है.

कोरोना को प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘रविवार पांच अप्रैल को कोरोना के संकट को चुनौती देनी है. उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है. इस पांच अप्रैल को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण कराना है. पांच अप्रैल रविवार को मैं रविवार रात को नौ बजे आप सभी के नौ मिनट चाहता हूं. घर की बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, टॉर्च, दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं. उस दिन घर की सभी लाइट बंद कर दें. चारों तरफ हर व्यक्ति जब एक-एक दिया जलाएगा तो प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा, जिसमें यह उजागर होगा कि हम एक ही मकसद से एकजुट होकर लड़ रहे हैं. उस उजाले में हम संकल्प करें कि हम अकेला नहीं हैं’

सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह

हालांकि इस दौरान उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी,कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है. रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है. सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है. सामाजिक दूरी को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है.’