IMD Weather Update: अप्रैल में देश के अधिकांश हिस्सों ने नॉर्मल से ज्यादा गर्मी झेली। लू के थपेड़ों ने खूब सताया. अब मई की गर्मी रुलाने को तैयार है। मौसम विभाग के अनुसार, मई में गर्मी और लू की मार और तेज होने वाली है। बुधवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मई का पूर्वानुमान जारी किया। इसके मुताबिक, देश के अधिकतर इलाकों में दिन का तापमान ‘सामान्य से ऊपर’ रहेगा। मैदानी इलाकों में लू के दिनों की संख्या भी सामान्य से काफी ज्यादा रहने वाली है। इनमें से कई इलाकों में लोकसभा चुनाव 2024 के बाकी बचे चार चरणों का मतदान होना है। यानी दिल्ली समेत कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भीषण गर्मी में वोट करना पड़ेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार चरणों (7 मई, 13 मई, 20 मई और 25 मई) में करीब 200 सीटों पर खूब गर्मी पड़ने वाली है। तीसरे से छठे चरण के बीच कुल 295 सीटों पर मतदान होना है। सातवें और आखिरी चरण के तहत, 1 जून को 57 सीटों पर वोटिंग होगी। गर्मी का असर वोटिंग परसेंटेज पर दिख सकता है। चुनाव आयोग वोटर्स को गर्मी से बचाने के लिए कई इंतजाम करने में लगा है। मौसम विभाग ने मई को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसकी 5 अहम बातें नीचे जानिए।
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1. मई में लू: IMD ने बुधवार को मई के तापमान और बारिश का पूर्वानुमान जारी किया। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि मई में लू वाले दिनों की संख्या ‘नॉर्मल से ज्यादा’ रहेगी। उन्होंने बताया कि दक्षिणी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात क्षेत्र को मई को 8 से 11 दिन लू का सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर मई के दौरान इन इलाकों में लगभग तीन दिन ही लू चलती है।
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2. किन इलाकों पर असर: मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, आंतरिक ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, झारखंड, बिहार, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना तथा उत्तरी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू वाले दो-चार दिन एक्स्ट्रा रहेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो, दिल्ली-एनसीआर समेत इन इलाकों को मई में पांच से सात दिन लू झेलनी पड़ सकती है।
3. लू की घोषणा: आईएमडी तब लू की घोषणा करता है जब मैदानी क्षेत्रों के कम से कम दो इलाकों में दर्ज सामान्य अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को छू जाता है या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है। पहाड़ी इलाकों में लू की घोषणा तब की जाती है जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है। तटीय क्षेत्रों में लू की घोषणा तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस को पार करने पर होती है। अगर तापमान सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक हो तो भीषण लू की घोषणा होती है।
4. मई में बारिश: IMD के मुताबिक, देशभर में समग्र रूप से मई में बारिश ‘सामान्य’ रहेगी। उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश भागों, मध्य, प्रायद्वीपीय और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
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5. अप्रैल में मिली थोड़ी राहत: IMD के अनुसार, अप्रैल में उत्तर और मध्य भारत को ज्यादा दिन लू नहीं झेलनी पड़ी क्योंकि पांच-पांच पश्चिमी विक्षोभों का प्रभाव था। इसके बावजूद, 5-7 अप्रैल और 15 से 30 अप्रैल के बीच गर्म हवाओं का दौर चला। गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लू ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। IMD ने इन दोनों राज्यों में लू के पीछे आंधी-तूफान की गैर-मौजूदगी और बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी मध्य तथा भारत के समीपवर्ती पूर्वी तटों पर निचले स्तरों पर लगातार बने प्रतिचक्रवाती तूफान को जिम्मेदार ठहराया।
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