चीन में लॉकडाउन के बीच भारत में सख्ती… कई देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए बड़े निर्देश

नई दिल्ली। चीन में ओमिक्रॉन का नया सब वैरिएंट इन दिनों हाहाकार मचा रहा है। ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट स्टील्थ के कारण चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लागू कर दिया है। जानकारी मिली है कि चीन के बाद दक्षिण कोरिया में भी कोरोना के नए वैरिएंट के दस्तक दे दी है। जिसके बाद भारत में भी सरकार ने अलर्ट जारी किया है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अधिकारियों को तीन पहलुओं का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया है। मामले बढ़ने पर उच्च स्तर की सतर्कता, संक्रमण की गहन निगरानी और जीनोम अनुक्रमण पर रिसर्च।

ओमिक्रॉन के इस नए सब वैरिएंट स्टील्थ ने न केवल चीन, बल्कि पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, जर्मनी और दक्षिण कोरिया सहित अन्य देशों में भी दस्तक दे दी है। जिसके बाद इन देशों में कोरोना के मामलों में यकायक तेजी देखने को मिल रही है। इसलिए इन सभी घटनाक्रमों को कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन संस्करण के नए उप-संस्करण के रूप में देखा जा रहा है।

मंडाविया के साथ बैठक में शीर्ष डॉक्टरों, स्वास्थ्य सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सचिव, एनसीडीसी प्रमुख और भारत के औषधि महानियंत्रक ने भाग लिया।

चीन में पहली बार रैपिड टेस्ट शुरू

गौरतलब है कि चीन में मंगलवार के दिन कोरोनोवायरस के 5,280 नए मामले दर्ज किए थे, जो महामारी शुरू होने के बाद से सबसे अधिक हैं। इतना ही नहीं चीन ने पहली बार देश में बढ़ते कोरोना केसों के चलते रैपिड टेस्ट की शुरुआत की। यह महामारी के शुरुआती दिनों के बाद से अब तक के अपने सबसे बड़े प्रकोप के रूप में है। चीन ने बीजिंग और शेनझेन शहर जैसे महानगरों में लॉकडाउन की घोषणा की है। जिसके बाद करोड़ों की संख्या में लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं।

क्या है स्टील्थ वैरिएंट

कोरोना के इस सब-वैरिएंट को BA.2 वैरिएंट भी कहा जाता है। यह सब-वैरिएंट मूल वेरिएंट से अलग है। यह सब-वेरिएंट इसलिए ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि इसका पता लगाना खासा मुश्किल है। इस सब-वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में महत्वपूर्ण की- म्युटेशन गायब है। इस की-म्युटेशन की वजह से कोरोना संक्रमण की पहचान के लिए तेजी से रैपिड पीसीआर टेस्ट किया जा सकता है। शुरुआती रिसर्च से पता चता है कि यह ओरिजिनल ओमिक्रॉन से भी तेजी से फैलता है।