कोरोना की जंग में आगे बढ़े नन्हे हाथ…ढाई साल की बच्ची ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दान किए गुल्लक के पैसे… TV पर सुनी थी PM का कोरोना पर संबोधन

Indian style piggy bank mad of mud broken with money spread around it.

फ़टाफ़ट डेस्क. देशभर में कोविड-19 के प्रकोप ने कई अतंर्निहित मानवीय गुणों और संक्रमण से प्रभावित लोगों की चिंता को सामने ला दिया है. पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के विल्लुपुरम में ढाई साल की एक बच्ची स्पूर्ति. अपने माता-पिता एसजे रघुनाथन और शालिनी के साथ जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री के हालिया संबोधन को सुन रही थी. उसके पिता एक ऑडिटर हैं. जबकि माता एक गृहिणी हैं. बच्ची वायरस के प्रसार के कारण उत्पन्न मौजूदा स्थिति से इतना विचलित हुई. कि उसने अपनी बचत प्रधानमंत्री कोष में दान देने की तत्काल घोषणा की. लड़की की बात सुनकर आश्चर्यचकित उसके पिता ने उससे पूछा कि वह योगदान कैसे करेगी.

एक प्ले स्कूल में पढ़ने वाली स्पूर्ति तुरंत बिना किसी हिचकिचाहट के बोली उसने पैसे बचाकर अपने छोटे से ‘हुंडी’ (एक मिट्टी का गुल्लक) में जमा करके रखा हुआ है. जिसे वह दान करेगी. उसने पिता से ‘हुंडी’ तोड़ने की अनुमति ली और गुल्लक को तोड़ा गया. फिर उसके माता-पिता ने नन्ही बच्ची द्वारा बचाई गई राशि की गिनती की. जो लगभग 4,400 रुपये निकली.

बच्ची को लगा कि राशि को समान रूप से विभाजित किया जाना चाहिए. फिर उसके बाद उसने इसे प्रधानमंत्री और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के राहत कोष में योगदान दिया.

रघुनाथन ने रविवार को फोन पर बताया कि लड़की ने बिना किसी हिचकिचाहट के घोषणा की कि राज्य में और राष्ट्रीय स्तर पर राहत कार्यों में पैसे का योगदान करना चाहिए. बच्ची जब एक वर्ष की थी. तब से ही वह बचत करने लगी थी और वह उसे हमेशा कुछ पैसे देते रहते थे.

माता-पिता ने कहा कि राशि छोटी हो सकती है लेकिन उसका इरादा बड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के प्रसार की गंभीरता पर ध्यान केंद्रित कर राष्ट्र को दिए अपने हालिया संबोधन में एक कोष की स्थापना की घोषणा की. जिसमें लोग अपना योगदान दे सकते हैं.