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हर किसी की इच्छा होती है कि उनका भविष्य उज्जवल हो, इसके लिए वे किसी ना किसी तरह का काम जरूर करते है. चाहे बिजनेस, प्राइवेट जॉब या सरकारी जॉब (Sarkari Naukri) या कोई अन्य काम. वहीं पढ़ाई (Education) कर रहे ज्यादातर युवाओं की इच्छा होती है कि वो आईएएस अफसर (IAS Officer) बने और देश की सेवा करें. इसके अलावा आईपीएस अफसर (IPS Officer) भी एक पावरफुल पद है. इन पदों को तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. तब कहीं जाकर सफलता मिलती है. आईएएस या आईपीएस अफसर बनने के बाद सरकार की तरह से कई सुविधाएं मिलती है. इसके साथ ही कई शक्तियां (Power) भी मिलती है.
कैसे होता है IAS, IPS के लिए चयन
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है. ये परीक्षा काफी कठिन मानी जाती है. लेकिन इसे पास करने के बाद जीवन संवर जाता है, जिंदगी अचानक बदल जाती है. बता दें कि, सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले कैंडिडेट्स को IAS, IPS का पोस्ट मिलता है. दोनों पदों को प्राप्त करने के लिए रैंक बहुत मान्य रहता है. इसी के हिसाब से डिसाइड किया जाता है कि किस कैंडिडेट को IAS और IPS दिया जाए. UPSC परीक्षा पास करने के बाद इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद सेवा देने के लिए राज्य एलॉट किया जाता है. वहीं इन अफसरों की शुरुआती सैलरी भी काफी ज्यादा होती है.
IAS, IPS को मिलती है ये सुविधाएं
आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) बनने के बाद इन अधिकारियों को मोटी सैलरी के अलावा कई सुविधाएं मिलती है. सेवा क्षेत्र में एक सरकारी घर, सुरक्षा, खाना बनाने के लिए बावर्ची, घर के हेल्प के लिए कर्मचारी, वाहन, पेट्रोल और ड्राइवर की सुविधा भी मिलती है. ये फैसिलिटीज आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को उनके नौकरी में रहने के दौरान तक मिलती है.
IAS, IPS का वेतन कैसे तय होता है?
भारत सरकार के किसी भी मंत्रालय, किसी भी विभाग में छोटे से लेकर बड़े पद तक हर कर्मचारी को जो भी सैलरी मिलती है, उसका निर्धारण पे कमीशन द्वारा किया जाता है. सरकार एक कमेटी बनाती है जो बढ़ती महंगाई दर समेत अन्य कारकों के आधार पर ये तय करती है कि किस रैंक के अधिकारी या कर्मचारी को कितनी सैलरी मिलनी चाहिए. फिलहाल देश में 7वां वेतन आयोग प्रभावी है. इसी के आधार पर आईएएस, आईपीएस को सैलरी मिलती है.
IAS, IPS को कितना वेतन मिलता है?
बता दें कि आईएएस, आईपीएस बनने के बाद अफसरों को उनके पद और सीनियरटी के हिसाब से वेतन (Sallery) मिलती है. फिलहाल, एक आईपीएस या आईएएस अधिकारी की शुरुआती सैलरी 7th पे कमीशन (7th Pay Commission) के अनुसार 56,100 रुपये प्रतिमाह है. ये महज बेसिक सैलरी है. इसके अलावा उन्हें हर महीने टीए (TA), डीए (DA), एचआरए (HRA), मोबाइल समेत कई भत्ते मिलते हैं. कुल मिलाकर IPS या IAS अधिकारी की शुरुआती इन हैंड सैलरी 1 लाख रुपये प्रति माह से ज्यादा होती है. टीए, डीए, एचआरए उनकी पोस्टिंग पर निर्भर करता है.
IAS, IPS की सैलरी कब बढ़ती है?
समय, प्रमोशन और रैंक बढ़ने के साथ वेतन में भी वृद्धि होती है. एक आईएएस अधिकारी की टॉप रैंक मुख्य सचिव की होती है. इस पद पर पहुंचने के बाद उन्हें हर महीने 2.5 लाख रुपये वेतन (बेसिक) मिलता है. सामान्य रूप से आईएएस या आईपीएस अधिकारी की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से लेकर 2,25,000 रुपये तक होती है. भत्ते अलग से शामिल होते हैं. यही कारण है कि आज ज्यादातर युवाओं की ख्वाहिश रहती है कि वे आईएएस, आईपीएस अफसर बने. आईएएस रहते उन्हे किसी जिले का कलेक्टरी करने का भी मौका मिलता है. वहीं आईपीएस अफसर जिलों में एसपी के रूप में कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी निभाते है.
IAS, IPS को रिटायरमेंट के बाद फायदा?
वहीं अगर आईएएस, आईपीएस अफसरों की सेवा समाप्त होने के बाद पेंशन की बात करें तो अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही आईपीएस, आईएएस को पेंशन पहले मिलती थी. अब अगर आप न्यू पेंशन स्कीम में जो इनवेस्ट करते हैं, उसी के हिसाब से रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है.
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