वित्त मंत्री ने किया आर्थिक पैकेज के पांचवी किस्त का ऐलान.. जानिए किसे राहत दे रही है सरकार..

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की अंतिम और पांचवीं किस्त का एलान किया. इसमें उन्होंने मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएसयू और एमएसएमई से जुड़े सात एलान किए. कोरोना की वजह से बड़े शहरों से घर लौट रहे मजदूरों को ध्यान में रख उन्होंने मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये के आवंटन का एलान किया. इससे ग्रमीण इलाकों में लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने में मदद मिलेगी. सीतारमण ने प्रधानमंत्री के देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि आज एक देश के रूप में हम बहुत नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. कोरोनावायरस बड़ी महामारी है. लेकिन यह भारत के लिए एक संकेत है, इसने भारत को एक अवसर भी दिया है. कोरोना वायरस जहां एक तरफ भारत के लिए बड़ा संकट है, वहीं यह एक मौका भी है, हमें अब भारत को एक आत्मनिर्भर भारत बनाना है.

नीचे दिए गए बिंदुओं के आधार पर समझे राहत पैकेज को..

मनरेगा और ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में बड़ा एलान करने जा रहे हैं. भारत सरकार ने मनरेगा में प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया है. इससे 300 करोड़ मानव दिवस का सृजन हो सकेंगे.

हाल में सरकार ने कारोबार करने में आसानी के लिए भी कई कदम उठाए हैं. कंपनियां अब तकनीक की मदद से बोर्ड मीटिंग कर सकती हैं.

वित्तमंत्री ने कहा कि संकट के इस दौर में तकनीक का इस्तेमाल कर पढ़ाई भी में भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत की है. इसमें स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल के माध्यम से हजारों लाखों बच्चों तक कोर्स कंटेंट पहुंचाना है. इसके साथ ही लाइव इंटरव्यू सेशन जैसी चीजें की गई है. टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच ऑपरेटर के साथ मिलकर एजुकेशनल वीडियो कांटेक्ट की पहुंच बढ़ाने की कोशिश की गई है. चैनल पर भारत सरकार ने रोज 4 घंटे के लिए एजुकेशनल कंटेंट उपलब्ध कराने की पहल की है. दीक्षा प्लेटफार्म पर अब तक 24 मार्च से लेकर अब तक 61 करोड़ हिट आये हैं. ई-पाठशाला में 200 से ज्यादा नई ईटेक्सटबुक शामिल की गई हैं.

जमीनी स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में सरकार निवेश करने जा रही है जिससे कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में हेल्थ और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा सके. भारत सरकार ने यह प्रावधान किया है कि सभी जिले में संक्रामक बीमारी से लड़ने के लिए हॉस्पिटल में एक ब्लॉक बनाया जाए. इसके साथ ही सरकार ने फैसला किया है कि देश में लैब नेटवर्क और सर्विलांस को बढ़ाया जाए.

इसके साथ ही आईसीएमआर की तरफ से यह कोशिश की जाएगी कि महामारी या किसी और बीमारी के लिए बेहतर तरीके से रिसर्च किया जा सके. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के रूप में भारत सरकार हेल्थ रिसर्च की शुरुआत करने जा रही है.

भारत सरकार कोरोना वायरस के इस दौर में तकनीक पर आधारित शिक्षा की शुरुआत करना चाहती है. इसमें पीएम ई विद्या एक प्रोग्राम है. इसमें डिजिटल ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से मल्टी मोड एक्सेस की व्यवस्था की जा रही है, यह बहुत जल्द लांच किया जाएगा. इसमें राज्यों के स्कूली छात्र के लिए दीक्षा प्रोग्राम है. इसमें ई-कंटेंट और क्यूआर कोड आधारित टेक्स्ट बुक होंगी. सभी क्लास के विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकेंगे. इसके साथ ही एक टीवी चैनल ऐसा होगा जिसमें पहली से 12वीं कक्षा तक के छात्र अपनी पढ़ाई कर सकेंगे. इसके साथ ही रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी.

जो दिव्यांग बच्चे हैं चाहे वह दृष्टिहीन हो या उनकी सुनने की क्षमता कम हो, उनकी पढ़ाई के लिए स्पेशल इंतजाम किया जायेगा. देश की टॉप यूनिवर्सिटी को यह सुविधा दी जाएगी वह ऑनलाइन कोर्स स्टार्ट करें.
इसके बाद ही एक साइक्लोजिकल सपोर्ट व्यवस्था शुरू होगी. इसमें छात्र, शिक्षक और उनके परिवार के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी.

इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर एक कोर्स शुरू किया जाएगा. इसे छोटे बच्चों और शिक्षकों के लिए शुरू किया जाएगा इसके साथ ही नेशनल फाउंडेशन की शुरुआत की जाएगी इसके माध्यम से छात्र सीखने की क्षमता विकसित कर पाएगा साल 2025 तक पांचवी कक्षा के छात्रों को इसमें सिखाने की कोशिश की जाएगी. जैसे भारत सरकार ने छोटे उद्यमों की परिभाषा बदल कर उन्हें बहुत बड़ी राहत दी है उन्हें विकास करने का बहुत मौका दिया है. अब उनके ऊपर दिवालियापन की कार्यवाही ना हो इसके लिए उनकी न्यूनतम सीमा बढ़ाकर एक लाख से एक करोड़ कर दी गई है.