रूस के हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए आज सुबह हिंडन एयरबेस से वायुसेना का विमान C-17 ग्लोबमास्टर रोमानिया के लिए रवाना हुआ। यह विमान 437 लोगों को लेकर देश वापस लौटेगा। भारत सरकार ने यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के अपने अभियान ऑपरेशन गंगा में वायुसेना की मदद लेने का कल फैसला लिया था। जिसके बाद आज सुबह चार बजे हिंडन एयरबेस से वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान को रवाना किया गया।
रूस की ओर से छेड़ा गया युद्ध यूक्रेन की राजधानी कीव और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव तक पहुंच गया है। इसके अलावा, भारतीय दूतावास सहित कीव में विभिन्न देशों के दूतावास, तीव्र बमबारी के बीच लवीव में अपना अभियान चला रहे हैं। अगले तीन दिनों में आईएएफ की 26 उड़ानें संचालित होने वाली हैं।
यूक्रेन के घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला श्रृंगला ने कहा कि अब तक 12,000 भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं, जो वहां मौजूद कुल भारतीयों का लगभग 60 प्रतिशत है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि कोई भी भारतीय अभी कीव में नहीं फंसा है। विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों में जाएं और जब भी संभव हो वहां से बाहर निकलें। वे हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया, पोलैंड और मोल्दोवा की ओर जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन मार्गों से 7,700 नागरिक बाहर निकल चुके हैं।
श्रृंगला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खार्किव में हुई रूसी गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है और हमने भारतीयों की वापसी के लिए न केवल रूस और यूक्रेन के दिल्ली में राजदूतों के साथ, बल्कि उन देशों में भी राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से अपनी मांग दोहराई है।” श्रृंगला ने यह भी कहा कि मानवीय सहायता के साथ पहली उड़ान पोलैंड के रास्ते यूक्रेन भेजी गई है। यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता की पहली खेप लेकर मंगलवार सुबह एक उड़ान रवाना हुई। खेप में दवाएं, चिकित्सा उपकरण और अन्य राहत सामग्री शामिल थी।