जानिए क्या है वह घोटाला जिसमें गिरफ्तार हुए पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी, जिसमें बरामद हुए करोड़ों रुपए



कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार में पूर्व मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता पार्थ चटर्जी के सितारे ठीक नहीं चल रहे हैं। SSC टीचर भर्ती घोटाले में ED ने उन्हें गिरफ्तार किया हुआ है। उनके सहयोगी के घरों से नोटों के पहाड़ निकल रहे हैं। ED को घरों से इतनी बड़ी मात्रा में पैसे मिले कि उनकी गिनती के लिए बैंको से कर्मचारी और नोट गिनने वाली मशीन मंगानी पड़ी। ED को छापों से अब तक 53 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई है। इसके साथ ही कई किलो सोने के गहने भी मिले हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को यह नहीं मालूम है कि यह घोटाला है क्या और इसमें पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी क्यों हुई है?

बात है साल 2016 की। पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूल सेवा आयोग SSC को सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 13,000 ग्रुप-डी कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। 2019 में इन नियुक्तियों को करने वाले पैनल की समय सीमा समाप्त हो गई। लेकिन इसके बावजूद, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा कथित तौर पर कम से कम 25 व्यक्तियों को नियुक्त कर दिया गया था। नवंबर 2021 में अदालत के सामने दायर एक याचिका में इन ‘अवैध’ नियुक्तियों ने व्यवस्था में भ्रष्टाचार बताया गया था। इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने SSC और पश्चिम बंगाल बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) से हलफनामे मांगे थे और मामले की सुनवाई आगे बढ़ाई थी। लेकिन इन दोनों संस्थाओं ने अदालत में एक-दूसरे से उलट तथ्य पेश किए।

ED की जांच में अब तक करोड़ों रुपए बरामद किये जा चुके हैं। ईडी ने जो अनुमान लगाया है उसके हिसाब से शिक्षक भर्ती घोटाला करीब 120 करोड़ रुपए का है यानी करीब 60 से 62 करोड़ रुपया अभी और बरामद किया जाना बाकी है। एक और बड़ी दिलचस्प बात है कि रेड्स में एक डायमंड रिंग मिली है जिसपर ‘P’ लिखा हुआ है। ये ‘P’ क्या पार्थ चटर्जी की ओर इशारा कर रहा है, इसका पता लगाया जा रहा है।