‘देशभर में बारिश होगी’, मौसम विभाग ने मानसून को लेकर दी खुशखबरी

नई दिल्‍ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को मानसून 2022 पर पहली भविष्‍यवाणी की है। दक्षिण पश्चिमी मानसून के पूर्वानुमान पर बताया है कि इस साल मानसून ‘सामान्‍य’ रहेगा। हर साल मौसम विज्ञान विभाग दो चरणों में मानसून की बारिश पर पूर्वानुमान जारी करता है। पहली भविष्‍यवाणी अप्रैल में होती है और दूसरी जून में। पहली स्‍टेज में मौसम विभाग की ओर से पूरे देश में मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान होने वाली बारिश का पूर्वानुमान पेश किया जाता है। आईएमडी के अनुसार, बारिश के 1971-2020 की अवधि के 87 सेंटीमीटर दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत रहने की संभावना है। इससे देश भर में बारिश होगी।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। जून से सितंबर के दौरान औसत वर्षा अब 868.6 मिमी मानी जाएगी, पहले 880.6 मिमी थी। वहीं, निजी एजेंसी ‘स्‍काईमेट’ ने भी भारत में सामान्‍य मानसून की भविष्‍यवाणी की है। उसके अनुसार, सामान्‍य बारिश की 65% उम्‍मीद है। इससे कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा। ऐसी बारिश में जून और जुलाई में मानसून के आ जाने से बुवाई (बौनी) समय से हो सकेगी। एजेंसी ने कहा कि यह भारत के कृषि क्षेत्र के लिए अच्‍छा संकेत है।

मौसम विभाग ने मानसून पूर्वानुमान में साफ किया है कि देशभर में अच्‍छी बारिश होगी। उत्‍तर भारत में सामान्‍य से ज्‍यादा बारिश का अनुमान लगाया गया है। पूर्वोत्‍तर के कुछ इलाकों में सामान्‍य से कम बारिश के आसार हैं। मानसून पर ला नीना का असर भी दिखेगा। प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग, मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

जानकारी के अनुसार दिल्‍ली में जुलाई में मानसून सबसे अच्छा रहेगा। इस दौरान, जोरदार बारिश भी हो सकती हैं। राजधानी दिल्‍ली में सामान्य तौर पर मानसून 26 से 27 जून तक पहुंचता है। इससे पहले राजधानी में प्री-मानसून की गतिविधियां होंगी। इस बार ला नीना के कारण बारिश पर असर रहेगा। हालांकि अगस्त आते-आते ला नीना न्यूट्रल कंडीशन में पहुंच जाएगा। स्काईमेट के अनुसार, गत वर्ष 2021 में जून से सितंबर के बीच चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान देश में ‘सामान्य’ वर्षा हुई थी। लगातार तीसरे वर्ष देश में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। 2019 और 2020 में बारिश सामान्य से अधिक हुई थी।