अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक महिला को पवित्र कुरान की प्रतियां जलाने के आरोप में भीड़ ने मार डाला। बाद में इस महिला के शव को नदी किनारे ले जाकर आग लगा दी गई। हालांकि, पुलिस सूत्र कह रहे हैं कि भीड़ द्वारा महिला को मारने के पीछे का मकसद का स्पष्ट नहीं है।
एक स्थानीय चैनल ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि महिला की हत्या की वजह उसके द्वारा कुरान के पन्ने जलाना है। महिला के परिवार का कहना है कि वह कई सालों से मानसिक तौर पर बीमार थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है।मानवाधिकार संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए जांच की मांग की है।
वीडियो में काबुल की शाह-ए दोह शमशीरा मस्जिद के पास भीड़ एक 27 वर्षीय महिला को बुरी तरह पीटती दिख रही है। भीड़ में मौजूद कुछ लोग महिला बेसुध पड़ी महिला के ऊपर कूदते दिख रहे हैं। कुछ लोग उसे लात-घूंसों से पीट रहे हैं और कुछ उसे मारने के लिए डंडे का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं। दर्जनों लोगों को मोबाइलफोन के जरिए इस घटना का वीडियो बनाते देखा जा सकता है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी को बताया, “मैंने शोर सुना। मैं वहां गया तो लोगों ने बताया कि एक महिला ने कुरान जला दी है। जब मैं पास गया तो देखा कि दर्जनों लोग एक महिला को बुरी तरह पीट रहे थे। उन्होंने उसे पीट-पीटकर मार डाला और फिर उसका शव नदी किनारे ले जाकर जला डाला कुछ देर बाद दमकलकर्मी आए और उन्होंने आग बुझाई और शव को अपने साथ ले गए।”
अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री सेदिक सिद्दकी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के दौरान इस तरह की घटनाएं होती रही थीं, लेकिन 2001 के बाद शहरी क्षेत्रों में हालात तो सुधरे, लेकिन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। 2013 में जारी यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के ज्यादातर मामले दर्ज ही नहीं हो पाते।