सरगुज़ा : बिना ग्रामसभा किए, सचिव निरस्त कर दे रहे वन अधिकार दावापत्र, मंत्री टीएस ने कहा- …चूक हुई है, ऐसा नहीं होना चाहिए

अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ में पिछले सरकार के कार्यकाल के दौरान निरस्त किए गए वन अधिकार के दावापत्र का सत्यापन अभियान छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में चलाया जा रहा है. जिसके सत्यापन के दौरान जमीनी स्तर पर कई समस्याएं आ रही है. जिसके कारण पात्र दावेदार भी वन अधिकार पत्र से वंचित हो जा रहे है. इस समस्या को लेकर सरगुजा के लखनपुर, लुंड्रा और बतौली ब्लॉक के ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे. जहां स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों ने बताया कि दावा सत्यापन कटी के लिए दावा सत्यापन दल का गठन नहीं किया गया है. पटवारी, बीटगार्ड और सचिव के द्वारा दावा सत्यापन किया जा रहा है और पटवारी और बीटगार्ड के निर्णय को सचिव द्वारा प्राथमिकता दिया जा रहा हैं. वहीं काबीज वनभूमि का मौके पर पहुंचकर जांच नहीं किया जा रहा है.

इसके अलावा कुछ गांव में दावापत्र निरस्त किया गया है. जिन्हें दावा निरस्त करने का नोटिस महीनों बाद तक नहीं दिया गया है. कुछ गांव में दावेदारों को बैक डेट में नोटिस दिया गया है. जिससे दावा अपील के लिए बहुत कम समय मिल पा रहा है और लोगों को परेशानी हो रही है.

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कुछ गांव में बिना ग्रामसभा किए, सचिव द्वारा लोगों के दावे को निरस्त कर दिया गया है. जिस दावापत्र को ग्रामसभा की बैठक में पास कर दिया था, उसे बाद में सचिव के द्वारा दावा निरस्त कर दिया गया है.

ग्रामसभा में कोरम पूरा नहीं किया जा रहा है. जबकि वनाधिकार कानून के दहत दावा अनुमोदन के लिए आयोजित ग्रामसभा में दावेदार के उपस्थिति के साथ 50 प्रतिशत कोरम गणपूर्ति अनिवार्य किया गया है. जिन दावेदारों के पास वनभूमि पे काबीज होने का सरकारी दस्तावेज नहीं है, उसे निरस्त कर दिया जा रहा हैं. जबकि वे पात्र हैं.

इस संबंध में पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि व्यक्तिगत वन अधिकार मामले में कहीं न कहीं स्थानीय अधिकारियों से चूक हुई है. शिकायतें मिल रही है सचिव और फारेस्ट गार्ड वन अधिकार समिति के सदस्यों से दबाव बनाकर से दस्तखत करा रहे है की यह पट्टा रिजेक्ट हुआ. पहले भी ऐसा होता था. ये नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कुछ कर्मचारी खुद से रिजेक्ट लिख दे रहे है. ऐसा नहीं होना चाहिए. उनको ये अधिकार नहीं है. रिपोर्ट वन अधिकार समिति के माध्यम से आगे जाना है और जिला स्तर की समिति रिजेक्ट कर सकती है.

Screenshot 2020 12 26 16 27 34 23
Screenshot 2020 12 26 16 27 47 60
Screenshot 2020 12 26 16 28 06 00