निगम में एक करोड़ 10 लाख का घोटाला क्यों.? आरोप या सच्चाई

अम्बिकापुर। नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक मे कई मुद्दे को लेकर सत्ताधारी दल औऱ विपक्ष के बीच कई बार तीखी नोंक झोंक हुई। निगम के किराए के भवनो औऱ रिंग रोड को लेकर विपक्ष ने सत्ताधारी दल कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया, तो विपक्ष के आरोपो से धिरा सत्ताधारी के नेताओ ने विपक्ष के सामने अपने तर्क भी रखे।

अम्बिकापुर नगर निगम के इस कार्यालय की पहली सामान्य सभा की बैठक बुधवार को राजमोहनी देवी भवन मे आय़ोजित की गई। जिसमे आज कुछ मुद्दे को लेकर विपक्ष औऱ सत्ता के बीच जमकर नोंक झोंक हुई। इसमे सबसे प्रमुख मुद्दा निगम आधिप्तय के राजमोहनी देवी भवन, सरगुजा सदन औऱ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन को ठेका मे देने को था। जिस पर सत्ताधारी दल के वरिष्ठ पार्षद आलोक दुबे ने ने महापौर आय़ुक्त औऱ अधिकारियो पर गंभीर आरोप लगाते हुए 1 करोड़ 10 लाख के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आलोक दुबे के मुताबिक तीनो भवनो को ठेका लेने वाले ठेकेदार से 1 करोड 10 लाख रूपए नहीं वसूल रहे है। इसके अलावा भाजपा पार्षद ने आरोप लगाया है कि तीनो भवनो को ठेके मे लेने वाले ठेकेदार ने अपने बकाया राशि के एवज मे जो 82 लाख का बिल प्रस्तुत किया है। वो निगम के अधिकारियो कर्मचारी के निजी आयोजन के बिल हैं।

एक करोड़ 10 लाख रुपये भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है। ये राजमोहनी भवन सरगुजा सदन और श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन को ठेके पे देने का मुद्दा था, और इसमें मेरा आरोप यह है कि नगर निगम के सत्ताधारी दल के लोग महापौर, आयुक्त और यहां के अधिकारी, इस ठेकेदार से मिलीभगत करके नगर निगम का जो एल करोड़ 10 लाख रुपये बकाया है इस ठेकेदार पर, उसको नहीं वसूल रहे हैं। उसको राहत पहुंचा रहे हैं। दूसरा मेरा आरोप था कि नगर निगम में इस ठेकेदार ने जो बिल प्रस्तुत किया है 82 लाख का, की ये मेरे को नगर निगम से लेना है। ये पूरी तरह फ़र्ज़ी और अवैध बिल है। ये टोटल बिल इन अधिकारियों के यहां, इनके निजी आयोजन होते हैं। बच्चों का बर्थडे, शादी का सालगिरह उनके बिल है। और अवैध रूप से बनाए गए बिल है। मैंने इन्ही बातों को लेकर आज हमारे भाजपा पार्षदों के साथ इसका विरोध किया और मैने जांच कमेटी बनाने को मांग की। तो मैं अशक्त व्यक्त करता हूं कि डॉ अजय तिर्की आखिर इतने बड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जांच कमेटी बनाने में क्यों हिचकिचा रहे है।

आलोक दुबे, पार्षद भाजपा, अम्बिकापुर नगर निगम

वही विपक्ष के हंगामे और आऱोपो को लेकर महापौर डाँ अजय तिर्की ने अपना पक्ष रखा और ठेकेदार पर बकाया राशि का मामला स्वीकार भी किया, लेकिन दूसरी ओर महापौर ने भाजपा पार्षद के आरोपो को निराधार बताते हुए कहा कि ठेकेदार का बिल तो बकाया है, लेकिन कुछ राशि निगम द्वारा भी ठेकेदार को देना है। जिसके समायोजन की प्रकिया जारी है। महापौर के मुताबिक निगम का ठेकेदार पर जो बकाया है। वो मुख्यमंत्री समेत कई आयोजनो का है।

इसमे बहुत सारे बिंदु है। कई दिनों से ठेकेदार द्वारा पेमेंट नहीं किया गया ये बात भी सही है। उस समय एक एप्पलीकेशन दिया था। चूंकि काफ़ी अमाउंट हो गए है, जो हमे पैड करना है प्रोग्राम्स के, चाहे वो सीएम सर के प्रोग्राम हो, पिछले बार के या अभी के, इन सभी का पेमेंट निगम अपनी परिस्थिति के अनुसार नही कर पा रहा है, ऑफ सामने वाले ने यही किया कि। उन्होंने समायोजन हेतु आवेदन किया है। और कब पेमेंट ही नही हुआ तो भ्रष्टाचार कहा से, अगर पेमेंट होता, उसे गलत तरीक़े से पेमेंट किया होता, गलत एमाउंट दिया होता, बिना बिल चेक किए। तो फिर वो भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता। हम एक रुपया पेमेंट नही किए हैं। बिल अभी पास ही नही हुआ। बिल अभी चेक ही नही हुआ। बिल पेमेंट ही नही हुआ फ़िर भ्रष्टाचार कहा से।

डॉ अजय तिर्की, महापौर, अम्बिकापुर नगर निगम

अम्बिकापुर निगम के सामान्य सभा की बैठक मे निगम आधिप्तय के भवनो के किराए मे भ्रष्टाचार के अलावा एक बार फिर से रिंग रोड के निर्माण और सडक मे लगने वाली स्ट्रीट लाईट के मामले मे भी विपक्षी दल भाजपा के नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, मधूसूदन शुक्ला ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सत्ताधारी दल को घेरने का प्रयास किया।