प्रदेश सरकार ने IAS आलोक शुक्ला को दिए अतिरिक्त प्रभार.. बीजेपी ने जताया ऐतराज, नियुक्ति पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी बीजेपी..

रायपुर. राज्य सरकार ने रिटायर आईएएस आलोक संविदा नियुक्ति कर कई प्रभार दिए हैं जिस पर बीजेपी ने खासा ऐतराज जताया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार आईएएस आलोक शुक्ला को अध्यक्ष छग. माध्यमिक शिक्षा मंडल का अतिरिक्त प्रभार मिला है.इसके साथ ही छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल अध्यक्ष, कौशल विकिस के प्रमुख सचिव और तकनीकी, शिक्षा एवं रोजगार का भी अतिरिक्त प्रभार मिला है. 30 मई को रिटायरमेंट के बाद रविवार 31 मई को राज्य सरकार ने डॉ आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति दी थी. उन्हें संसदीय कार्य विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था, साथ ही उन्हें उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था.

आईएएस आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति पर बीजेपी ने सरकार से सवाल किया है. बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाए हैं. बीजेपी ने नान घोटाले के मुख्य अभियुक्त आलोक शुक्ला की नियुक्ति को गलत गलत बताया है. बीजेपी का कहना है कि भष्ट्राचार में लिप्त सेवा समाप्ति की अनुशंसा वाले अफसर पर मेहरबानी क्यों. सरकार एक तरफ तो खर्च में कटौती कर रही है दूसरी तरफ संविदा नियुक्ति करने का क्या औचित्य है.

सरकार भष्ट्राचार और भष्ट्राचारी को संरक्षण दे रही है. नान घोटाले के चार्ज शिटेट अफसर को फायदा देने से भष्ट्राचार में संलिप्तता जाहिर होती है. कानूनी प्रावधान भी आलोक शुक्ला की नियुक्ति की अनुमति नही देते. सरकार जवाब दे किस कारण से आलोक शुक्ला की नियुक्ति की गई. बीजेपी इस नियुक्ति को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी. संविदा नियुक्ति अधिनियम 2012 धारा 4 और 9 का उल्लंघन है. संविदा नियुक्ति एक साल की होती है जबकि नियुक्ति 3 साल के लिए की गई है.