सूरजपुर. 21वीं सदी में विज्ञान ने बहुत से चमत्कार किए. जिसका फायदा हर किसी को मिल रहा है. कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट ने तो जैसे घर पर ही संसार रख दिया. ऐसा कहना गलत भी नहीं होगा. दुनिया के किसी भी कोने को घर बैठे देखना, दूर-दराज के लोगों से घर बैठे बातचीत करना. विज्ञान के नए-नए प्रयोगों ने जीवन को काफी सरल बना दिया, लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे है. इंटरनेट और मोबाईल अलग-अलग तरीकों से लोगों को नुकसान भी पहुंचा रहा है. ऐसे में सोशल मीडिया से बढ़ते अपराध की खबरों के बीच, सोशल मीडिया का सदुपयोग की अच्छी खबर सामने आई है.
WhatsApp ग्रुप पर सवाल
छत्तीसगढ़ में सूरजपुर जिला है. यहां के रामनगर (Ramnagar) गांव के शिक्षित और जागरूक युवाओं ने व्हाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया है. जिसमें गांव के वार्डों के निर्वाचित पंच, सरपंच, जनपद सदस्य सहित ग्रामीणों को शामिल किया गया है. इस ग्रुप का कायदा-कानून ये तय किया गया है कि गांव में, अपने वार्डों में जो भी समस्याएं हैं. उसे यहां बताएं, आपके सेवक आपकी समस्या का समाधान करेंगे. इसी नियम के साथ ग्रामीण अपने गांव के जनप्रतिनिधियों से गांव के विकास को लेकर खूब सवाल दाग रहे है. बदले में जवाब भी मिल रहा है, आश्वासन भी मिल रहा है.
4 लोग संभाल चुके सरपंच की जिम्मेदारी
रामनगर गांव में विकास की गंगा जैसे बहना शुरू होने को होती है. वैसे ही पता नहीं किसकी नजर लग जाती है. पिछले पंचायत चुनाव में जवाहर सिंह टेकाम रामनगर गांव के सरपंच निर्वाचित हुए. जिनका मुसीबतों ने ऐसा साथ पकड़ा, जो अब तक कम होने का नाम नहीं ले रही है. गांव में घटनाक्रम ही ऐसा हो रहा है कि पिछले साढ़े चार साल में रामनगर गांव के सरपंच की कमान 4 अलग-अलग व्यक्ति संभाल चुके. ये दौर अब तक चल रहा है. अब ना जानें क्या होने वाला है. ये तो वक्त ही बताएगा.
भ्रष्टाचार की आशंका
पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) के लिए कुछ ही महीनों का समय बचा है. पंच, सरपंच, बीसीसी, डीडीसी के लिए चुनाव होने को है. दावेदार तैयार हो रहे है, अंदर ही अंदर भेंट मुलाकातें भी चल रही है. ऐसे में रामनगर गांव में इस बार त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. जिसकी कहानी हम अगले आर्टिकल में बताएंगे. इससे पहले सोशल मीडिया पर जनता पंच, सरपंच से रिपोर्ट कार्ड मांग रही है. सवाल भी बड़ा तीखे किस्म के हैं, “ये बताइए 5 साल में क्या विकास किए, जवाब तो दीजिए”, नेताजी से सवाल पूछना जनता का हक है और जब जनता त्रस्त हो तभी ऐसे कड़े सवाल जन्म लेते है. वहीं अनुमान है कि चुनाव से पहले बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे का बम फूटेगा. जिसके लिए सबूत, गवाह और सुराग तैयार है. इस बारे में अभी से ही कुछ कहना जल्दबाजी होगा.
जिला मुख्यालय के नजदीक में ये हाल
सूरजपुर (Surajpur) जिला जब से बना है, तब से सरकार जिले को सूरज की तरह चमकाने की कोशिश में लगी हुई है. गांव व शहरों के साथ जनता के विकास के लिए शासन-प्रशासन लाखों-करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है, लेकिन रामनगर गांव में जिस तरह से सोशल मीडिया पर लोग अपनी समस्याएं और भ्रष्टाचार गिनवा रहे हैं. उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि, कुछ गोलमाल है. सड़क, आंगनबाड़ी, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं की जमीनी हकीकत दयनीय है. ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों पर तो सवाल उठ ही रहे है, इसके साथ ही जिला मुख्यालय के नजदीक के गांवों की अफसरों द्वारा अनदेखी समझ से परे है.