सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के वरिष्ठ पत्रकार उपेन्द्र दुबे के परिवार के तीन सदस्यों की सड़क हादसे में असमय मृत्यु हो जाने पर आज उनके परिवार के लोगों के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान संभाग के अलग-अलग इलाको से आए नेताओं, अधिकारियो औऱ पत्रकारो ने अंतिम विदाई में शामिल होकर दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। गौरतलब है कि, शनिवार को सूरजपुर निवासी वरिष्ठ पत्रकार उपेन्द्र दुबे अपनी मां, पत्नी औऱ बेटे के साथ अपने पैतृक गांव जा रहे थे। तभी एक सड़क हादसे में उनकी मां, पत्नी औऱ बेटे की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि हादसे में पत्रकार उपेन्द्र दुबे घायल हो गए। जिनका इलाज अम्बिकापुर के लाईफ लाईन अस्पताल मे जारी है। आज तीनों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें जिला कलेक्टर का वो स्वरूप देखने को मिला, जो आज के समय मे रिश्तेदारों का भी देखने को नहीं मिलता है।
बता दें कि, जिस वक्त पत्रकार उपेन्द्र दुबे की परिजनों की मृत्यु का मातम पूरे जिले समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों पसरा था। उस वक्त सूरजपुर कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह ने अपनी पूरी टीम को उत्तरप्रदेश के बमनी स्थित घटनास्थल भेजकर, खुद घायल उपेंद्र दुबे के बेहतरी के लिए जुट गए थे। शनिवार की दोपहर से शाम तक कलेक्टर डां गौरव कुमार सिंह अम्बिकापुर के उस अस्पताल मे बैठे रहें। जहां उपेन्द्र दुबे का इलाज चल रहा था। इतना ही नहीं वहां बैठे-बैठे ही कलेक्टर उपेन्द्र दुबे औऱ उनके परिवार के लिए हर संभव मदद के लिए हर उस व्यक्ति को फोन लगाते रहे। जो शोकाकुल परिवार की आर्थिक और अन्य मामलो मे मदद कर सके।
इसके बाद जब वो अम्बिकापुर स्थित निजी अस्पताल से निकले, तो उन्होने घायल पत्रकार की मृत मां, पत्नी औऱ बेटे के अंतिम संस्कार की व्यवस्था मे जुट गए औऱ आज सुबह अंतिम विदाई के पहले से लेकर दाह संस्कार के अंतिम तक कलेक्टर डां गौरव कुमार सिंह मुक्ति धाम परिवार के अन्य सदस्यो के साथ रहें। इस दौरान शव को कंधा देने से लेकर अग्नि संस्कार के पहले हर रस्मअदायगी तक कलेक्टर डां गौरव कुमार सिंह परिवार वालो के साथ करते नजर आए। जिले के सबसे बडे प्रशासनिक अधिकारी का ये सामाजिक रूप देखकर लोगो ने उनके इस स्वरूप को खूब पसंद भी किया।
सूरजपुर के 56 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार उपेन्द्र दुबे अपनी 70 वर्षीय मां मानमति दुबे, 55 वर्षीय देव रूपी दुबे औऱ 24 वर्षीय पुत्र नवीन दुबे के साथ। शनिवार तडके होली के बाद गांव मे होने वाली पारंपरिक पूजा में शामिल होने जा रहे थे। पूरा परिवार अपनी कार क्रमांक सीजी29 AD 4103 मे सवार होकर छत्तीसगढ-उत्तरप्रदेश की सरहद से लगे बमनी इलाके के अपने पैतृक गांव राजा सगाई जा रहे थे, लेकिन अपने गांव पहुंचने के पहले सुबह 6:30 बजे बनारस-अम्बिकापुर मार्ग पर परसा टोला के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड से टकरा गई। हादसा इतना भयानक था कि, कार के परखच्चे उड गए। वहीं कार में सवार पत्रकार उपेन्द्र दुबे का पूरा परिवार असमय ही काल की गाल में समा गया। वही उपेन्द्र दुबे को पुलिस औऱ स्थानीय लोगो की मदद से अम्बिकापुर भिजवाया गया. जहां पर उनका एक निजी अस्पताल मे इलाज जारी है।
पत्रकार उपेन्द्र दुबे के परिवार के सदस्यों की दर्दनाक मौत की खबर जंगल के आग की तरह फैल गई थी, और यही वजह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने आफिसियल ट्यूटर हैंडल से ट्यूट करके उपेन्द्र दुबे के परिजनो की मुत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया था और घायल पत्रकार के बेहतर इलाज के लिए सरगुजा कलेक्टर को बेहतर इंतजाम के निर्देश भी दे दिए थे। उपेन्द्र दुबे की गिनती सूरजपुर जिले के ही नहीं बल्कि सरगुजा संभाग के वरिष्ठ पत्रकारों मे होती है। वहीं कई मीडिया घरानों मे काम कर चुके हैं। फिलहाल वो सरगुजा अंचल के दैनिक अखबार अम्बिकावाणी मे ब्यूरो चीफ के पद पर काम कर रहे हैं। बता दें कि, मृतक नवीन के पिता जहां वरिष्ठ पत्रकार हैं, तो वहीं मृतक नवीन कलेक्टर पीआरओ में प्लेसमेंट एजेंसी के तहत पदस्थ था।
इधर उनकी मां, पत्नी और बेटे की मौत के बाद पूरे संभाग मे शोक की लहर है, और अब उनके प्रशंसक और मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।