विशेष-लेख.. “छत्तीसगढ़ में सड़कों का नेटवर्क”

लेखकए.बी. काशी, सहायक संचालक

रायपुर. किसी भी देश और प्रदेश के सर्वांगिण विकास में सड़क नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य होने के साथ ही खनिज, वन और श्रम संपदा की दृष्टि से भरा पूरा राज्य है. यहां शहरों से लेकर गांवों तक जनता की पहुंच आसान बनाने के लिए सड़कों और पुलों का नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है.
    

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के मार्ग दर्शन में सड़कों के विस्तार में गति आई है. वे लगातार निर्माण कार्याें की समीक्षा कर स्वीकृत और निर्माणाधीन सड़कों को त्वरित गति से पूर्ण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे रहे हैं. श्री साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दिसम्बर 2019 की स्थिति में सड़कों की कुल लम्बाई 33 हजार 23 किलोमीटर है. इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग 3526 किलोमीटर, राज्य मार्ग 4137 किलोमीटर, मुख्य जिला मार्ग 11 हजार 580 किलोमीटर और ग्रामीण मार्ग 13 हजार 780 किलोमीटर है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में सड़कों के विकास एवं विस्तार के लिए लोक निर्माण विभाग को पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6 हजार 237 करोड़ रूपए का आवंटन प्राप्त हुआ, जिसके विरूद्ध 4481 करोड़ रूपए व्यय किया गया, जो कि 72 प्रतिशत हैै. चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6 हजार 410 करोड़ रूपए का प्रावधान है.
    

प्रदेश में दिसम्बर 2018 से मार्च 2020 तक बजटेड कुल 613 सड़क एवं पुल स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी लागत 3672 करोड़ 53 लाख रूपए है. इनमें से 187 कार्याें की एजेंसी निर्धारित कर कार्य प्रारंभ किया गया है. वार्षिक संधारण अंतर्गत नवीनीकरण के कुल 555 कार्याें के लिए 263 करोड़ 18 लाख रूपए स्वीकृत किया गया है. इनमें से 147 कार्याें की एजेंसी निर्धारित कर कार्य प्रारंभ किया गया है. रेल्वे ओव्हर ब्रिज और रेल्वे अंडर ब्रिज के 16 कार्यो में 4 कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 12 कार्य प्रगति पर है. राज्य में स्वीकृत 178 वृहद पुलों में से 52 पुल पूर्ण हो गए हैं और 126 पुल प्रगति पर है. राज्य मद के अंतर्गत 1249 किलोमीटर सड़कों का निर्माण-उन्नयन किया गया है.
    

छत्तीसगढ़ राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना के तहत तृतीय एशियाई विकास बैंक की सहायता से 3536 करोड़ रूपए की लागत के 870 किलोमीटर लम्बाई की 25 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजनों में किए गए विशिष्ट प्रावधान के तहत सड़कों के निर्माण के पश्चात पांच वर्षाें तक संधारण का दायित्व संबंधित ठेकेदारों का होगा. छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के माध्यम से 2636 करोड़ रूपए की लागत के 767 किलोमीटर लंबाई की 26 सड़कों का कार्य प्रगति पर है. इनमें से 615 किलोमीटर लम्बाई की 11 सड़के पूर्ण हो गई है. शेष 152 किलोमीटर लम्बाई की 15 सड़कें दिसम्बर 2020 तक पूर्ण हो जाएंगे. केन्द्र सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एन.एच.डी.पी.) के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से 3588 करोड़ रूपए की लागत के 355 किलोमीटर लम्बाई की तीन महत्वपूर्ण सड़कों रायपुर से बिलासपुर मार्ग, रायपुर से धमतरी मार्ग और आरंग से सरायपाली मार्ग का कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा एन.एच.डी.पी. के तहत प्रदेश में 6307 करोड़ रूपए की लागत के 928 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का कार्य प्रगति पर है. इनमें से 675 किलोमीटर लम्बाई की विभिन्न सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है. राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत 77 किलोमीटर सड़कों में उन्नतिकरण का कार्य किया गया है. सेतु भारतम के अंतर्गत महासमुन्द से बागबाहरा के बीच में रेल्वे ओव्हर ब्रिज का कार्य पूर्ण किया गया है.
    

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दुर्गम जिलों में सड़क निर्माण के लिए एल.डब्ल्यू.ई. (आर.आर.पी.-1) योजना के तहत 3171 करोड़ रूपए की लागत के 1991 किलोमीटर लम्बाई की 54 सड़कों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है. इनमें से 2076 करोड़ रूपए की लागत के 1558 किलोमीटर लम्बाई के 36 सड़कें पूर्ण हो गई है तथा 18 कार्य प्रगति पर है. आर.सी.पी.एल.डब्ल्यू.ई. (आर.आर.पी.-2) योजना के तहत 1637 करोड़ रूपए की लागत के 2478 किलोमीटर लम्बाई के 316 कार्य (291 सड़क एवं 25 वृहद पुल) की स्वीकृति प्राप्त हुई है. इनमें से 303 किलोमीट लम्बाई की 63 सड़कों-पुलों का कार्य प्रगति पर है तथा 40 कार्याें के लिए निविदा स्वीकृत हो गई है.