राजस्व नक्शे से छूट गया यह ग्राम : बेबस हो गए ग्राम वासी

  • गांव में स्कूल शिक्षा आंगन बाडी सभी कुछ लेकिन न राजस्व के नक्शे में ना जंगल के
  • भूमि आधारित पंचायती योजनाओं का भी नही मिल रहा लाभ, 1998 में हुआ था मौका जांच
  • 45 सालों से प्रशासनिक लापरवाही का दंश भोग रहे  है 37 आदिवासी परिवार, किसी  के नाम पर नही है एक भी डिसमिल जमीनकोरिया   (सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट)

विकासखंड सोनहत अंर्तगत स्थित ग्राम पंचायत कछाडी के आश्रित ग्राम लोलकी के 37 आदिवासी परिवार प्रशासनिक उपेक्षा एवं लापरवाही के कारण पिछले 45 सालों से जमीन की स्थिती अस्पष्ट होने का दंश झेल रहे है । आलम है की ग्राम वासीयों सहित प्रशासनिक अधिकारीयों को भी नही पता है की ये ग्राम किस भूमि में बसा है उल्लेखनीय है की इस मामले को लेकर सोनहत क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पेन्द्र राजवाड़े लव प्रताप सिह एवं लोलकी ग्राम के  ग्राम वासीयों ने कई बार प्रशासन को कभी मौखिक रूप से तो कभी ज्ञापन सौप कर और कई बार जन समस्या निवारण शिविर में जाकर अपनी समस्या को अवगत कराया लेकिन प्रशासन स्तर पर अभी तक कोई सकारात्मक पहल नही हुई है ।

नही बन रहा जाति निवास
ग्राम लोलकी लगभग 570 एकड भूमि पर बसा है जिसमें क्षेत्र के निवासी लगभग 300 एकड भूमि पर कृषि एवं कस्तकारी करते है। परन्तु उक्त भूमि की स्थिती अभी तक स्पष्ट नही हो पाई है की आखिर ये भूमि वन विभाग की है या फिर राजस्व विभाग की भूमि की स्थिती स्पष्ट नही होने के कारण ग्राम वासीयों को न तो राजस्व विभाग का पटटा मिला है और न ही भूमि वन अधिकार पत्र । उल्लेखनीय है की भूमि के पटटे के आभाव में आदिवासी ग्रामीणों को जाति निवास प्रमाण पत्र नही बन पा रहा है जिससे उनके शिक्षा एवं सरकारी रोजगार मूलक कार्यो में अनेक कठिनाईयां आ रही है । हलाकी वर्तमान समय में मिली जानकारी अनुसार पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्कूली बच्चों के अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के आवेदन आए है लेकिन दस्तावेजों के आभाव में उनका स्थाई होना संभव नही लग रहा है।

पंचायती एवं मनरेगा योजना का लाभ नहीkorea 2
ग्रामीण आलम सिह तिलकधारी सिह बालम कलावती रामप्रसाद जगलाल रमासिह राजेश कुमार भीम सिह सहित अन्य ने जानकारी देते हुए बताया की भूमि स्वामी नही बन पाने के कारण हमें भूमि आधारित पंचायती योजना अंतर्गत इंदिरा आवास व मनरेगा से भूमि समतलीकरण सडक निर्माण तालाब कुआं आदि का लाभ नही मिल पा रहा है जिससे जिविकोपार्जन करने में भी भारी परेशानीयों का सामना करना पड रहा है ।

कलेक्टर कोरिया ने दिया था भरोषा
इस संबंध में पुर्व समय में जब ग्राम वासीयों ने आवाज उठाया था तो कलक्टर कोरिया ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा था की की गांव का एक भाग नक्शे से छूट गया है जिसकी जांच चल रही है साथ ही उसके सेटेलमेंट के लिए शासन को पत्र लिखेंगे जिसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी लेकिन आज तक ग्रामीणों की इस समस्या का कोई समाधान नही हुआ।

वन विभाग ने बनवाई सडक
ग्रामीण आलम सिह तिलकधारी सिह बालम कलावती रामप्रसाद एवं अन्य ने बताया की वन विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर मिटटी मूरूम सडक निर्माण कराया गया था साथ ही ग्राम स्तर पर स्कूल एवं आंगनबाडी सुविधा भी है जबकी राजस्व नक्से में नही होने के कारण पंचायती सडके अभी तक नही बन पाईं है जिससे सुलभ अवागमन की भारी समस्या वयाप्त है और ग्राम मुख्यालय सोनहत से मीलों दूर हो गया है ।

1998 में हुआ था मौका जांच
क्षेत्र के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया की सन 1998 में प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा इस समस्या को लेकर मौका जांच किया गया था और उस समय एक उम्मीद जगी थी शायद इस समस्या से निजात मिल सके परन्तु उस मौका जांच के बाद 17 वर्ष हो गए कभी कोई अधिकारी इस ओर पहल करने नही आया ।

बगल के ग्राम में सुविधा बरकरार
ग्रामीणों ने बताया की ग्राम लोलकी से लगे ग्राम पंचायत कछाडी के ही मझगवां व जोगिया को दस्तावेज में राजस्व ग्राम माना गया है और वहां पर राजस्व विभाग के सभी योजना एवं सुविधा लागू है परन्तु ग्राम लोलकी के साथ ये बर्ताव क्यूं किया जा रहा है यह समझ से परे है ।

वन विभाग ने किया था हस्तांतरण
इस संबंध में जब वन विभाग के अधिकारीयों से बात की गई तो उन्होने बताया की वन विभाग द्वारा पूर्वी रामगढ संरक्षित वन से राज्य शासन की स्वीकृति उपरांत लोलकी ग्राम की भूमिहिनों के व्यवस्थापन हेतू राजस्व विभाग को 1967 में हस्तांतरण किया गया था । इस संबंध में राजस्व विभाग को पुनः पत्र के माध्यम से 16.9.14 को अवगत कराया गया था ।

 

इनका कहना है

पुष्पेन्द्र राजवाड़े सामाजिक कार्यकर्ता सोनहत

लोलकी ग्राम को राजस्व नक्शे से जोडने एवं ग्रामीणों को भूमि का पटटा देने के सबंध में कई बार एस डी एम एवं तहसील कार्यालय में ज्ञापन दिया गया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है कोई पहल नही हुआ है।

लव प्रताप सिंह महामंत्री ब्लाक कांग्रेस

भूमि संबंधित दस्तावेज नही होने के कारण लोगों को पंचायत स्तर जाति प्रमाण पत्र बनवाने में भारी परेशानी हो रही है मनरेगा के तहत शुरू किये गए पंचायत स्तर कार्य इस ग्राम में संचालित नही हो पा रहे है प्रशासन को ईस जल्द उचित कार्यवाही करना चाहिए

एम बड़ा
तहसीलदार सोनहत

लोलकी ग्राम राजस्व रिकार्ड (नक्शा) में नही है इसके लिए लागों के द्वारा आवेदन दिया गया था जिस पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है।