Right to Recall Laws: लोकतंत्र की मजबूती के लिए ‘राइट टू रिकॉल’ कानून की मांग, बिहार से पदयात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ पहुँचे नागरिक

रायपुर. महापरिवर्तन जन आंदोलन की पदयात्रा बिहार, झारखंड से होते हुए छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर पहुंची। जहां छत्तीसगढ महतारी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आंदोलन की सफलता हेतु आशीर्वाद लिया। यह पदयात्रा एक महीने पूर्व 26 जनवरी को बिहार के वैशाली से शुरू हुई थी।

यात्रा के दौरान लोगों से पदयात्रा के उद्देश्यों की चर्चा की गई, जिसके तहत तीन कानूनों की मांग की जा रही है। ये कानून जनता को शासन करने की शक्ति देगी और शत्ता का विकेंद्रीकरण होगा जिससे भ्रष्टाचार पूर्ण रूप से बंद किया जा सकेगा। पदयात्रा में राईट टू रिकॉल के तहत जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के द्वारा हटाने का अधिकार मिलेगा, राईट टू रेफरेंडम के तहत किसी भी नए कानून के लागू होने में जनता की राय लेने की बाध्यता होगी, और राईट टू प्रपोज अमेंडमेंट के तहत जनता के सुझावों को नए कानून में डालने का अधिकार होगा। यह पदयात्रा बिहार, झारखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा से दिल्ली तक जाएगी।

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इस पदयात्रा में प्रियंका मिश्रा, जय सिंह राजपूत, कृष्णा पाठक, संजय चंद्राकर,नीलकंठ साहू, नवीन कुमार ठाकुर, विपिन पांडे, शिव कुमार साह, प्रीविका पीहू ने जनसंवाद के माध्यम से लोकतंत्र में जनता की निहित शक्तियों और अधिकारों की चर्चा की और कहा की अगर हमारी मांग पूरी हो जाती है तो ये जनता की जीत होगी और असल जनतंत्र की शुरुआत होगी।

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इस यात्रा के दौरान पैदल चलकर सफर तय किया जाता है और जगह-जगह लोगों को इकट्ठा कर अपने तीनों कानून की विस्तार से जानकारी दी जाती है और बताया जाता है कि किस तरह इन कानूनों के लागू होने पर भ्रष्टाचार जड़ से खत्म की जा सकती है। यात्रा का अगला पड़ाव उपहारा होगा।