रायपुर. छत्तीसगढ़ में जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने सत्र के दौरान ये बात कही की इसी सत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून आएगा और पारित होगा। सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को अपने विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनेगा। पत्रकार साथियों के लिए अधिमान्यता नियमों को सरलीकरण किया जा रहा है। अधिमान्यता का कोटा दोगुना करने से पत्रकारों की संख्या 600 तक पहुंच गई है। सम्मान निधि को 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई है। बिजली की लगातार मांग बढ़ रही है। नए उपकेंद्र खोलने की कार्य योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्र में अपने विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा –
सामान्य प्रशासन विभाग
जनदर्शन पहले लगते थे, इसके रिकॉर्ड हम मांगते थे पर मिलता नही था, छग भौगोलिक दृष्टि से 9वां बड़ा राज्य है। हमने तहसील, जिला में वृद्धि की। आम जनता को सहूलियत हो इसलिए हमने ये घोषणा की।
भेंट मुलाकात का जिक्र हुआ, जो परिस्थिति थी उसके अनुसार हुआ लेकिन उस घटना का मुझे खेद है
इसमें 65 से अधिक विधानसभा का भ्रमण हो चुका है, इस कार्यक्रम से कई सुझाव आए, समस्याओं का निराकरण हुआ। जल समस्या की बात होती है, पर जब तक अंडर ग्राउंड वाटर की व्यवस्था न हो कैसे जल की व्यवस्था होगी। नवाचार का जिक्र सबने किया, छग में सबसे अधिक नवाचार हुए है, जब भी प्रधानमंत्री से मुलाकात होती है छग के नवाचार की सराहना होती है इसलिए इसका गठन हुआ है।
वित्त विभाग
ऋण 82 हजार करोड़ और बजट 1 लाख 21 हजार करोड़ दोनो बराबर है यह विपक्ष कह रही, पर ऋण भार को बजट से नहीं जोड़ा जा सकता। केंद्र का बजट 42 लाख करोड़ है जबकि ऋण 1 लाख 28 हजार करोड़ है जबकि छग की स्थिति आप देख लीजिए, छग की वित्तीय स्थिति सबसे बेहतर है।
ऊर्जा विभाग
जो राज्य बिजली का उत्पादक होता है और उपभोग अधिक करता है वो राज्य समृद्ध होता है। छग में बिजली डिमांड बढ़ी है, बीजेपी सरकार में बिजली डिमांड 4800 मेगा वॉट थी जबकि कांग्रेस सरकार में 5400 मेगा वॉट बिजली की डिमांड है। छग में बिजली की कमी नही है।
जनसंपर्क विभाग
इसी सत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून आएगा, और पारित होगा।
छग के हित में कोई बात हो तो मांगने में हम पीछे नहीं रहेंगे, लेकिन अगर लड़ने की बात हो तो लड़ने में भी पीछे नहीं हटेंगे। ईडी और आईटी छापे के मसले पर चर्चा करते हुए कहा – जून से कार्रवाई शुरू की थी पर जून तक ये पूरी नहीं होगी। आपको जांच करने में इंट्रेस्ट नही है बदनाम करने में है, इस जांच रिपोर्ट में कुछ नही आयेगा। ईडी और आईटी भाजपा के इशारे पर काम करती है,, आप कार्रवाई करे पर दुर्भावना से तो ना करे। एसीसीएल में 52 खदानों से चोरी हो रही, इसकी जांच भी कराइए।
मुख्यमंत्री के वक्तव्य में फिर सीएम साहब और सीएम मैडम का जिक्र
आपकी सरकार में शासकीय कार्यालय में 3 करोड़ पकड़ाए, डायरी मिली पर सीएम साहब और सीएम मैडम का पता नही लगा पाया।
सीएमडीसी और एनएमडीसी का जिक्र हुआ, इनका गठबंधन तो भाजपा ने किया, एमडीओ शब्द तो 2014 में ही आया। भाजपा की स्थिति ये है की केवल आरोप लगाना है यह दुर्भाग्यजनक हैं।