क्या नए राज्यपाल भी राजनीतिक दबाव में! अब तक आरक्षण पर हस्ताक्षर नही, लखमा ने बताया राज्यपाल कह रहे थे ‘देख लेंगे’ ‘कर लेंगे’

रायपुर. बड़े लंबे अंतराल के बाद आज सोमवार को फिर आरक्षण का विषय छत्तीसगढ़ में देखने को मिला जब तमाम मंत्री विधायक नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मिलने राजभवन पहुँचे। मंत्री कवासी लखमा समेत 15 विधायक राजभवन पहुँचे। जहां आरक्षण संशोधन को लेकर राज्यपाल और मंत्री विधायको की चर्चा हुई।

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राज्यपाल से कांग्रेस विधायक प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात खत्म होने के बाद मंत्री कवासी लखमा ने कहा – मुलाकात अच्छी रही, हमने राज्यपाल से संसोधन विधेयक पर जल्द हस्ताक्षर करने की मांगम आज पहली बार नए राज्यपाल से मिले थे।

राजा आदिवासी समाज एसटीएससी पिछड़ा वर्ग के विधायक राज्यपाल से मिलने आए थे। गंभीर चर्चा हुई है। चर्चा के अनुरूप हमारी मंशा के अनुसार आश्वासन नहीं मिला।फिर भी उम्मीद है जल्द समाधान मिलेगा।

लखमा ने ये भी बताया कि राज्यपाल राजनीतिक दबाव में है। देख लेंगे, कर लेंगे, समीक्षा कर रहे हैं इस तरीके की बात राज्यपाल कह रहे हैं। आरक्षण के चलते हैं बहुत सारी भर्तियां रुकी हुई है। जब तक आरक्षण लोगों को नहीं मिल जाता सड़क सदन में लड़ाई लड़ेंगे।

मंत्री लखमा के साथ शिशुपाल सोरी, सावित्री मंडावी, विनय जायसवाल, चन्द्रदेव राय, लक्ष्मी ध्रुव, रामकुमार यादव भी मौजूद रहे।

बता दे कि, लंबे समय से आरक्षण बिल लटका हुआ है जिसके कारण छत्तीसगढ़ में तमाम भर्तियां रुकी हुई है। आरक्षण बिल 1 दिसंबर 2022 को विधानसभा में पारित किया गया था जिसके बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर होने थे लेकिन अब तक राज्यपाल के हस्ताक्षर नही हुए। छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है, इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।